बार काउंसिल आफ यूपी द्वारा पूरे प्रदेश में 20 मई को मनाएगा जाएगा विरोध दिवस

अधिवक्ताओं को अराजक तत्व सम्बोधित करने के विरोध में पूरे प्रदेश के अधिवक्ता नाराज

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्रीश कुमार मेहरोत्रा की अध्यक्षता में आयोजित आपात बैठक में अधिवक्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश में 20 मई को विरोध दिवस मनाने के निर्णय पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। 14 मई को शासन द्वारा जारी एक पत्र में अधिवक्ताओं को अराजक तत्व सम्बोधित किया गया था जिसपर बार काउंसिल की आपत्ति एवं 20 मई को अधिवक्ताओं द्वारा विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके दबाव में शासन ने वह पत्र वापस ले लिया था। लेकिन 15 मई को अपर मुख्य सचिव (गृह) द्वारा जारी किए गये पत्र में कुछ बिन्दुओं पर आपत्ति बार काउंसिल की आपात बैठक में आपत्ति दर्ज कराते हुए इस पत्र के विरोध में 20 मई को विरोध दिवस मनाने के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। 


बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सदस्य-सचिव अजय कुमार शुक्ल ने एक पत्र जारी कर बताया कि आपात बैठक में शासन से यह मांग की गयी है कि अधिवक्ता को Officer of the court की बर्ताव करते हुए कोई अमर्यादित टिप्पणी ने किया जाए। अधिवक्ता न्याय प्रणाली के अभिन्न व अविभाज्य अंग हैं। जनता के अधिकार अदालतों तक पहुंच रखने का मौलिक अधिकर है जिसको संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, और अधिवक्ता इसमें महत्व पूर्ण कड़ी है। अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर यदि अविलम्ब उपचारात्मक कदम नहीं उठाए गये तो बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के पास चरणबद्ध आंदोलन छेड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। 





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