भाषा विश्वविद्यालय में NAAC विषय पर व्याख्यान का आयोजन

 

लखनऊ (ना.स.)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में आज 'सेंसटाइजिंग फॉर एसेंशियल NAAC क्राइटेरिया' विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन कुलपति अनिल कुमार पाठक की अध्यक्षता में किया गया। भाषा विश्वविद्यालय नैक की मान्यता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव मनोहर एवं टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रो अरविंद सिंघल विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

प्रो मनोहर ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को एकजुट होकर NAAC के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय में गुणवत्ता संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे सभी स्तरों पर सकारात्मक बदलाव किए जा सकें। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की प्रगति में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका है एवं समय समय पर उनका फीडबैक लेना आवश्यक है। उन्होंने अपने वक्तव्य में NAAC के विभिन्न चरणों की विस्तृत जानकारी दी।

प्रो सिंगल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्विविद्यालयों के मूल्यांकन की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए शोध कार्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है एवं इस विश्वविद्यालय को भी शोध के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। साथ कि उन्होंने बताया कि आज के समय में विषयों को रोजगारपरक के साथ-साथ व्यवसायपरक बनाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार जटिल से जटिल विषय को भी 'स्टोरी टेलिंग' के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है। मूल्यांकन के संदर्भ में बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रमों को रोचक एवं रचनात्मक बनाने की आवश्यकता है। पैडागौजी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जान इस प्रकार सांझा किया जाना चाहिए जो विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करे एवं उन्हें लगातार नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करे।

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि आज का युग इन्फोटेनमेंट का युग है एवं पाठ्यक्रमों में इस प्रकार के बदलाव लाने की आवश्यकता है जिससे विद्यार्थी जुड़ाव महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय पठन-पाठन का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने में सक्षम हो गए तो इस देश में 'ब्रेन ड्रेन' की जगह 'ब्रेन सरकुलेशन' होने लगेगा।

कार्यक्रम का संयोजन प्रो चंदना डे, आईक्यूएसी समन्वयक एवं अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान, ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ पूनम चौधरी एवं डॉ रुचिता सुजॉय चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संजय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी, अशोक कुमार अरविंद, कुलसचिव एवं विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों के ने हिस्सा लिया।



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