भाषा विश्वविद्यालय में आयोजित वेबीनार में कैंसर के उपचार एवं महिला सुरक्षा पर हुई चर्चा


लखनऊ (ना.स.)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में आज कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में वैबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी सेल ने 'कैंसर की रोकथाम, स्वस्थ जीवन शैली और COVID 19' विषय पर गैर सरकारी संगठन, संजीवनी के सहयोग से वेबीनार का आयोजन किया और विश्वविद्यालय की आतंरिक सुरक्षा समिति ने 'कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न' विषयक एक और बेबिनार का आयोजन किया। 

कैंसर के इलाज में दवाइयों के साथ साथ आत्मविश्वास महत्वपूर्ण है


आईक्यूएसी सेल द्वारा कैंसर संबंधित आयोजित वेबीनार में अर्चना वर्मा ने सभी प्रतिभागियों को कैंसर के कारणों एवं उसकी रोकथाम से संबंधित विभिन्न तथ्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि सही समय पर कैंसर के लक्षण समझ लिये जाए तो उसका उपचार संभव है। साथ ही उन्होंने कहा कि कैंसर से बचने के लिए सही आहार लेना, भरपूर नींद लेना एवं तनाव से बचना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि कैंसर के उपचार में दवाइयों के साथ-साथ आत्मविश्वास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए समाज के सभी व्यक्तियों को कैंसर पीड़ितों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। वेबीनार मेंं रूबी आहलूवालिया ने भी कैंसर से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वेबीनार की संयोजक प्रो चंदना डे, निदेशक आइक्यूएसी ने कहा कि सही जानकारी हमें कैंसर से बचने में मदद कर सकती है एवं जागरूक विद्यार्थी इस मोहिम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

वेबीनार में यौन उत्पीडन एवं महिला सुरक्षा पर हुई चर्चा

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के संदर्भ में बात करते हुए वेबीनार की मुख्य वक्ता स्मिता श्रीवास्तव ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत से कानून बनाये गए हैं और महिलाओं को इनके विषय में जागरुक करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा मिले इसके लिए हमें महिलाओं को गलत व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित और जागरुक करना होगा।

कार्यक्रम की समन्वयक प्रो तनवीर खदीजा ने कहा कि कार्यस्थल पर उत्पीड़न के भय से कई महिलाएं अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी रोजगार के लिए प्रयास नहीं करती और इस कारण कुशल मानव संसाधन का सही उपयोग नहीं हो पाता।

कार्यक्रम में डॉ प्रियंका सूर्यवंशी एवं डॉ नीरज शुक्ल, सदस्य आतंरिक सुरक्षा समिति एवं डॉ रुचिता सुजय चौधरी, सदस्य सांस्कृतिक समिति ने भी अपने विचार व्यक्त किये। दोनों कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।





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