मजबूत वोट बैंक कहे जाने वाला व्यापारी वर्ग भाजपा से नाराज
अरूण कुमार राव/सुरेश तिवारी
देवरिया। भारतीय जनता पार्टी के मजबूत वोट बैंक कहे जाने वाले व्यापारी वर्ग भारतीय जनता पार्टी से काफी नाराज दिख रहे हैं। नाराजगी का कारण पिछले वर्ष कोरोना महामारी के प्रारंभ से लेकर वर्तमान समय तक व्यापारी वर्ग को लॉक डाउन एवं कोरोना कर्फ्यू के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। और उनका व्यापार काफी मंदा हो चुका है। छोटे व्यापारियों का व्यापार लगभग समाप्ति की कगार पर है। लेकिन सरकार के द्वारा इन व्यापारियों की सुधि नहीं ली जा रही है और ना ही इन्हें जीएसटी में किसी प्रकार से कोई राहत दी जा रही है। जिससे व्यापारी वर्ग में सरकार के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। भारतीय जनता पार्टी के स्थापना काल से लेकर आज तक इस वर्ग को भारतीय जनता पार्टी के मजबूत वोट बैंक के रूप में देखा जाता रहा है और यह सत्य भी है। विपक्षी दलों के द्वारा पहले से ही यह कहा जाता रहा है कि भारतीय जनता पार्टी बनियों की पार्टी है।
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए सरकार ने जो लॉकडाउन करने जैसे कठोर निर्णय लिए उनसे इनका व्यापार बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अगर सरकार के द्वारा इस वर्ग को संतुष्ट करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया तो यह कहने में कोई गुरेज नहीं है की 2022 के विधानसभा चुनाव में व्यापारी वर्ग भारतीय जनता पार्टी से पूरी तरह से कट सकता है और इसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतनी पड़ सकती है। सरकार को समय रहते इन छोटे व्यापारियों के हित में कुछ सकारात्मक निर्णय लेने की आवश्यक्ता है। यह बात सत्य है कि सरकार द्वारा लोगों के जीवन को बचाने के लिए समय-समय पर कठोर निर्णय लेने पड़े हैं लेकिन जीवन के साथ-साथ लोगों की जीविका का भी प्रवाह सरकार को करनी चाहिए। पुलिस प्रशासन के द्वारा बेवजह व्यापारी समाज का लॉकडाउन एवं करोना कर्फ्यू के दौरान किए गए उत्पीड़न से लोग सरकार से खासा नाराज दिख रहे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद भी पुलिस प्रशासन के द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। व्यापारियों ने सरकार से लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों पर जितने भी मुकदमे हुए हैं सरकार उन्हें तत्काल वापस ले और जीएसटी में को राहत देने की मांग की है।
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