इलाहाबाद के लोगों ने नम आंखों से संघमाता डा. मुक्ति भटनागर को दी श्रद्धांजलि

इलाहाबाद के प्रसिद्ध मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलिज के एल्यूमिनाई एसोसिएशन लॉन में  श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।


लखनऊ। इलाहाबाद के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. जगत नारायण की बेटी, डा. अतुल कृष्ण की धर्मपत्नि एवं सुभारती ग्रुप की संस्थापिका संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के परिनिर्वाण के बाद देश विदेशों में शोक की लहर है। हर वर्ग के लोग अपने-अपने रीति रिवाजों से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इसी क्रम में इलाहाबाद वासियों ने डा. मुक्ति भटनागर को मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलिज के एल्यूमिनाई एसोसिएशन लॉन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें भाव पूर्ण श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में कोरोना के समस्त नियमों का पालन किया गया तथा उपस्थिति को सीमित रखते हुए अधिकांश शोक ग्रस्त इलाहाबाद एवं दूरदराज के लोगों को ऑॅनलाईन जोड़ा गया।


एल्यूमिनाई एसोसिएशन लॉन में श्रद्धांजलि सभा का आरम्भ डा. मुक्ति भटनागर के गुरू प्रो. डा. वी.बी. सहाय के साथ सुभारती परिवार के मुखिया डा. अतुल कृष्ण के नेतृत्व में परिवार के सदस्यों ने संघमाता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया।  लोकप्रिय अस्पताल के निदेशक डा. रोहित रविन्द्र ने सभा में संघमाता का संपूर्ण परिचय तथा उनकी उपलब्धियों का उल्लेख किया।

 

सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज ने संघमाता की विशेषताओं के विभिन्न आयामों को एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म द्वारा प्रदर्शित करके सभी को अचम्भित कर दिया। डॉक्यूमेंट्री में उनके द्वारा बनाए गए चित्रों को प्रदर्शित किया गया, उनके द्वारा गाये हुए कुछ गीतों की झलक दिखाई गई, उनकी विभिन्न कलाओं की प्रस्तुतियों को एल.ई.डी. स्क्रीन पर उकेरा गया।


प्रो. डा. वी.बी. सहाय ने कहा कि डा. मुक्ति में अपने चिकित्सक पिता डा. जगत नारायण व माता कमल के गुण विद्यमान थे वह संस्कारी होने  के साथ आत्मविश्वास से पूर्ण थी। मेडिकल कॉलिज में डा. मुक्ति भटनागर के पढ़ाई के दौरान बिताए गये जीवन के सुखद समय और विभिन्न स्वर्णिम घटनाओं को याद किया।


डा. दीपक गुप्ता, डा. ममता सिंह, डा. कमलजीत सिंह, डा. मुकुल पांडे एवं अनेक प्रतिष्ठित. चिकित्सकों ने डा. मुक्ति के साथ बिताए समय की यादों को ताजा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कृतत्व से अपनी अमिट छाप इलाहाबाद में छोड़ी है जो सदैव जीवित रहेगी।


चंदोली से आए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शयाम बाबू ने मेरठ में रही अपनी तैनाती के दौरान बताया कि किस प्रकार उनके मात्र एक बार कहने पर ही डा. मुक्ति के द्वारा एक गरीब लड़की के विवाह में पूरे विवाह का एक चौथाई खर्चा स्वयं करके अपने विशाल हृदय का परिचय दिया था।


एल्यूमिनाई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. शरद वर्मा ने कहा कि संघमाता के परिनिर्वाण के बाद भले ही वो मूर्त रूप से हम सबके बीच नही है लेकिन उनके विचार व भावनाएं हम सबके साथ हमेशा रहेंगी।

 

प्रयागराज मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डा. एस. पी. सिंह ने कहा कि डा. मुक्ति भटनागर मानवीय संवेदनाओं से पूर्ण कुशल चिकित्सक होने के साथ समाज सेवा तथा प्रशासनिक कौशल से परिपूर्ण व्यक्तित्व की धनी थी। उन्होंने कहा कि डा. मुक्ति ने मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलिज से शिक्षा प्राप्त करने वाले सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकों में से एक थीं जिन्हें मेडिकल कॉलिज सदैव याद रखेगा। उन्होंने एल्यूमिनाई एसोसिएशन के पैट्रन होने के नाते कहा कि डा. मुक्ति की स्मृति में प्रत्येक वर्ष एक ओरेशन किया जाएगा जिससे इलाहाबाद मेडिकल कॉलिज में डा. मुक्ति की याद सदैव ताजा रहे।


डा. मुक्ति की पुत्री अवनि कमल द्वारा अपनी प्रस्तुति में संघमाता के द्वारा चिकित्सा, शिक्षा, समाज सेवा सहित बौद्ध दर्शन के प्रचार प्रसार हेतु किये गये उत्कृष्ट कार्यों की गाथा का उल्लेख किया। उन्होंने दिखाया कि डा. मुक्ति के परिनिर्वाण पर विश्व के विभिन्न देशों में प्रार्थना सभा हो रही हैं तथा उनके शान्तिपूर्ण अस्तित्व की कामना की जा रही है।


डा. अतुल कृष्ण ने डा. मुक्ति के साथ अपने कुछ अनुभवों को साझा किया और बताया कि किस प्रकार डा. मुक्ति एक कुशल प्रशासक, सफल योजनाकार, सर्वगुण सम्पन्न एक निर्भीक महिला थीं। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर वो उनकी अर्धान्गनी थीं तो साथ ही वो उनके जीवन को साधने का भी कार्य करती थीं। उन्होंने कहा कि वह डा. मुक्ति के आदर्शों को ग्रहण करते हुए अपने मन को शान्त रखकर शीलों का पालन करते हुए  समाज में लोगो के कष्टों का निवारण करने का प्रयत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि संघमाता डा. मुक्ति भटनागर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि देने की दिशा में सुभारती परिवार ने ‘‘संघमाता डा. मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउंडेशन‘‘ की स्थापना की है। इस फाउंडेशन के माध्यम से संघमाता द्वारा विचारित योजनाओं को मानव कल्याण की दिशा में लक्ष्य तक पहुंचाया जाएंगा।


डा. मुक्ति के पुत्र डा. कृष्णा मूर्ति ने श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी अतिथियों का हृदय से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि दुख की इस कठिन घड़ी में जिस प्रकार समाज के हर वर्ग के लोगो ने उन्हें सांत्वना देते हुए मानसिक साहस दिया है, इसके लिये वह हृदय से सभी के आभारी है।


डा. रिषी सहाय कोविड नोडल अधिकारी इलाहाबाद द्वारा बताया गया कि डा. मुक्ति के माध्यम से वे मेरठ स्थित सुभारती विश्वविद्यालय में किस प्रकार इलाहाबाद निवासियों की सहायता करवाया करते थे। उन्हांने कोविड के दौरान इलाहाबाद मेडिकल कॉलिज से सम्बन्ध रखने वाले 38 डॉक्टरों की सूची देते हुए सबकी आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखने की अपील की जिसे सभी उपस्थित जनों द्वारा आत्मसात किया गया।


एल्यूमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आलोक मिश्र ने श्रद्धांजली सभा का अत्यन्त भावपूर्ण रूप से संचालन किया।


इस अवसर पर डा. डी.के. निगम, डा. वी.के. अग्रवाल, डा. अरूण कुमार, डा. अनिल शुक्ला, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, श्रीमति शान्ति चौधरी, डा. अलोक मिश्रा, डा. के.के. सोनकर, डा. शरद जैन, डा. मनोज भार्गव, श्री यशार्थ प्रकाश एडवोकेट, डा. धीरेन्द्र श्रीवास्तव, डा. शुभि सहाय, सहायक कुलसचिव विवेक कुमार, मीडिया प्रभारी अनम शेरवानी, व्यक्तिगत सचिव आकाश कुमार, अनिल कुमार, संजय जुगरान, वीरपाल, प्रवेश कुमार, संदीप कुमार, राजकुमार आदि सहित सुभारती परिवार व इलाहाबाद के अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।



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