ई-कैबिनेट व्यवस्था से कार्याें को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी: मुख्यमंत्री

 ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के लिए मंत्री परिषद के सदस्यों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंत्री परिषद की बैठक को आनलाइन करने के लिए ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के लिए मंत्री परिषद के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंत्री परिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए सदस्यों को गहन प्रशिक्षण होना चाहिए। सभी मंत्री को उनके घर व कार्यालय में भी ई-कैबिनेट के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कराया जाए। साथ ही उन्हें ई-कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के सम्बन्ध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए। ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के लिए समस्त कार्यवाहियांे को तत्परता से पूर्ण करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक विभिन्न कार्याें के शीघ्र एवं पारदर्शी सम्पादन में अत्यन्त सहायक है। वर्तमान राज्य सरकार ई-आॅफिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। ई-आॅफिस से शासकीय कार्याें के सम्पादन में सुगमता, तेजी और पारदर्शिता आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प ‘मिनिमम गवर्नमेण्ट, मैक्सिमम गवर्नेन्स’ के अनुरूप कार्याें को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट की तरह राज्य के बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास होना चाहिए। विधान मण्डल सत्र से पहले सभी सदस्यों को भी टैबलेट उपलब्ध कराने एवं टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मण्डल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखायी देगा।

आधुनिक तकनीक से कोरोना काल खण्ड में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल खण्ड में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने जनधन योजना लागू की। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई। इसके माध्यम से मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से अन्तरण सम्भव हुआ। 

ई-पाॅस मशीनों के व्यापक उपयोग से लगभग 2,500 करोड़ रु0 की बचत हुई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली की सफलता ई-पाॅस मशीनों के व्यापक उपयोग से सम्भव हुई है। इससे पारदर्शी ढंग से वास्तविक लाभार्थी तक खाद्यान्न की आपूर्ति सम्भव हुई है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को अपनाने से जहां प्रदेश में पहले से अधिक संख्या में लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है, वहीं विगत दो वर्षाें में राज्य को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। राजकीय सेवाओं एवं विकास कार्यों में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ई-टेण्डरिंग, जेम पोर्टल आदि व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा गेहूं खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीद में ई-पाॅप मशीनों के प्रयोग के निर्देश दिये गये हैं। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सचिव, मुख्यमंत्री आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट व्यवस्था के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था के अन्तर्गत सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखा गया है। ई-कैबिनेट में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रिगण मंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसके विगत कैबिनेट के निर्णयों तथा उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी सुलभ होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डाॅ0 दिनेश शर्मा, मंत्री सुर्यप्रताप शाही सहित अन्य मंत्रिगण, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही