विधानसभा: विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र का पहला दिन

शोर शराबे के बीच राज्यपाल ने पढ़ा अपना अभिभाषण

लखनऊ (ना.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र विपक्ष के हंगामे के बीच आज से शुरू हो गया है। इसके पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विधानसभा पहुंचने पर उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात विधानमंडल के समवेत सदन में आनंदीबेन पटेल ने अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया। अभिभाषण के शुरू होते ही सपा के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। हंगामे और शोर शराबे के बीच राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने शानदार काम किया है। 

राज्यपाल का अभिभाषण 11 बजे के बजाय 11.07 मिनट पर देर से शुरू होने पर विपक्ष ने उसे अपना मुद्दा बना लिया। विपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार की उपलब्धियां केवल कागज का पुलिंदा है, हकीकत में कुछ है ही नहीं, इसलिए राज्यपाल अभिभाषण पढ़ना नहीं चाहतीं थीं इसलिए सदन में देर से आयी। 

बसपा विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के वक्तव्यों का पुलिंदा होता है इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ राज्यपाल सरकार से असहमत थी इसलिए देर से आई। सरकार किसानों को बिचौलियों के हाथ मे बांधने के काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को रोजगारों नहीं मिला। जब से भाजपा की सरकार बनी है पूरे प्रदेश में बलात्कार और हत्याएं हो रही है। 

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण नहीं पढ़ना चाहती थी इसलिए वह देर से आईं। उनको मुख्य्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने मनाया तो वह सात आठ मिनट लेट आई हैं। पत्रकारों को सत्र में सदन के अंदर प्रवेश ना दिए जाने की निन्दा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पत्रकारों को सदन के अंदर कवरेज के लिए रोका जा रहा है हम उसकी निंदा करते है। सात मिनट देर से अभिभाषण शुरू होने का हम विरोध करते हुए पूरे अभिभाषण का बहिष्कार करते है। उन्होंने कहा कि उन्नाव की घटना से बड़ी घटना हो ही नहीं सकती, जब उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है, ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है, जिसके कारण सरकार अब प्रेस को बैन कर रही है।

कांग्रेस विधानमंंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार संवेदनहीन है। सरकार को उत्तर प्रदेश की बेटियों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने अभिभाषण का विरोध किया है और वॉक आउट किया है। आज तक कभी नही हुआ कि राज्यपाल का अभिभाषण 7 मिनट देर से शुरू हुआ हो, जब अभिभाषण ही देर से शुरू हुआ तो सरकार कैसे काम कर रही है यह पता चलता है।


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