गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच होः राज्यपाल

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहाकि आंगनवाड़ी के बच्चों को एक टाइम पोषण मिलना आवश्यक है इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा तैयार पोषण सामग्री का वितरण करें। उन्होने कहाकि आवश्यक्ता पड़ने पर महिला स्वयं सहायता समूहों को अग्रिम भुगतान की व्यवस्था भी करें साथ ही आंगनवाडी केन्द्रों पर एलपीजी, बर्तन तथा खाद्य पदार्थ की व्यवस्था करें ताकि बच्चों को ताजा एवं पौष्टिक आहार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां कहीं अक्षय पात्र संस्थाएं हैं, वहां पर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में कार्य कर रही श्रमिक महिलाओं की नियमित जांच की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमियां की शिकार हैं। ऐसी गर्भवती महिलाओं से जो बच्चे पैदा होते हैं, वे जन्म से ही कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। अतः हमें जच्चा एवं बच्चा दोनों के उचित पोषण पर गंभीतापूर्वक ध्यान देना है और इस कार्य के लिये हमें अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों को मजबूती देने के साथ साथ उन्हें आवश्यक संसाधन देने ही होंगे। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को उचित प्रशिक्षण भी देना होगा। 


उन्होंने कहा कि हमें हर क्षेत्र में आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाना चाहिए। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर फल व सब्जी वाटिका को भी प्राथमिकता से तैयार करें इससे जैविक सब्जियां प्राप्त होंगी। इससे पौष्टिक आहार भी मिलेगा। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर गुड़, चना भी वितरित करने का सुझाव भी अधिकारियों को दिया।

18 जनपदों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है पोषण वितरण का कार्य 

निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार डा0 सारिका मोहन ने कहा कि वर्तमान में 18 जनपदों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषण वितरण का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के उन्नाव तथा फतेहपुर में पोषण निर्माण यूनिटों की स्थापना की जा चुकी है तथा उत्पादन शुरू हो गया है। अन्य जिलों में कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 189204 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 66 प्रतिशत केन्द्र में बिजली, 91.4 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ शौचालय तथा 95.6 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंन कहा कि अब आगनावाड़ी केन्द्रों पर फस्ट एण्ड बाक्स, दर्पण, वजन मापक यंत्र की सुविधा, साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र पर बाल पेंटिंग भी करायी जा रही है ताकि केंद्रों को वाराणसी के सेवापुरी माॅडल के अनुसार विकसित एवं सुसज्जित बनाया जा सके। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही