भारतेन्दु की रचनाओं से राष्ट्रसेवा की भावना को बल मिलता हैः डाॅ0 नीलकंठ तिवारी

 

लखनऊ। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डाॅ0 नीलकंठ तिवारी ने हिन्दी साहित्य के सिरमौर बाबू ‘‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र’’ के अवसान दिवस पर गोमती नगर लखनऊ स्थित भारतेन्दु नाट्य अकादमी में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की। डाॅ0 तिवारी ने ‘‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र’’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतेन्दु आधुनिक हिन्दी साहित्य के जन्मदाता हैं वे राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पित थे तथा लोगों को भी राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों के अन्दर राष्ट्रसेवा की भावना को जागृत किया।

डाॅ0 तिवारी ने कहा कि भारतेन्दु जी ने बहुत कम समय में हिन्दी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएं की। उनकी रचनाएं उस समय काल परिस्थिति के अनुसार लोगों के अन्दर राष्ट्रवाद की भावना को बल प्रदान करती है। उन्होने गद्य, पद्य, नाट्य एवं अन्य कई विधाओं में रचनाएं की हैं। संस्कृति मंत्री ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी की वृहत्तर योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की तथा आश्वासन दिया कि अकादमी की अन्य शाखाएं, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज तथा मथुरा आदि में खोली जायेगी। उन्होंने रंगमण्डल योजना, इन्टर्नशिप, उच्च बजट तथा फिल्म एवं मीडिया नीतियों से अकादमी को जोड़ने के लिए चहुमुखी विस्तार पर चर्चा की। 

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