राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की बैठक

कोरोना काल में भारतीय समुदाय की उत्कृष्ट देखभाल के लिए भारत ने जताया आभार

 
 
नई दिल्ली। भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी और ओआईए) संजय भट्टाचार्य और ओमानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के राजनयिक मामलों के अवर सचिव, शेख खलीफा बिन अली अल-हरथी ने किया। बैठक में सचिव संजय भट्टाचार्य ने कोरोना काल में ओमान में रह रहे भारतीय समुदाय की उत्कृष्ट देखभाल के लिए ओमानी पक्ष का आभार जताया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओमानी प्रतिनिधिमंडल अपनी दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचा। कोविड-19 की शुरुआत के बाद ओमान से भारत की यह पहली उच्च-स्तरीय आधिकारिक यात्रा है। आईओएससीजी की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-ओमान संबंधों के स्पेक्ट्रम की समीक्षा की। जिसमें राजनीतिक, ऊर्जा, व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, खनन, एस एंड टी, संस्कृति और कांसुलर क्षेत्र शामिल हैं। यही नहीं बैठक में दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए संपर्क बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ओमानी अवर सचिव, शेख खलीफा बिन अली अल-हरथी का स्वागत किया और सुल्तान हेथम बिन तारिक के शासनकाल की पहली वर्षगांठ पर ओमानी पक्ष को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुल्तान की भारत यात्रा के निमंत्रण को दोहराया।

ओमान में लगभग 7 लाख भारतीय हैं, जिनमें से लगभग 5.67 लाख श्रमिक और पेशेवर हैं। इसके अलावा हजारों भारतीय ओमान में डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, शिक्षक, व्याख्याता, नर्स, प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं।


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