गणतंत्र दिवस परेड में मन मोहेगी गुजरात की झांकी ‘मोढेरा का सूर्य मंदिर’


 नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय परेड में इस बार गुजरात की झांकी के रूप में विश्व प्रसिद्ध मोढेरा का सूर्य मंदिर राजपथ की भव्यता में चार चांद लगाएगा। उत्कृष्ट शिल्प एवं स्थापत्य कला के साथ ही संस्कृति के बेजोड़ समनव्य मोढेरा के सूर्य मंदिर की हूबहू झलक इस झांकी में नजर आएगी। लगभग 60 कलाकारों ने तीन महीने की समर्पित मेहनत और लगन से इस झांकी को बड़ी ही खूबसूरती के साथ तैयार किया है। प्रतिवर्ष 26 जनवरी के  परेड में गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से झांकी की परिकल्पना और प्रस्तुति की जाती है। 

उत्तर गुजरात के मेहसाणा शहर के निकट स्थित मोढेरा गांव में पुष्पावती नदी के किनारे सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव प्रथम ने आज से करीब 1 हजार वर्ष पूर्व 1026-27 ई. में इस सूर्य मंदिर का निर्माण कराया था। माना जाता है कि इस मंदिर के तीन मुख्य भाग हैं- गर्भगृह, सभामंडप और सूर्य कुंड।

खूबसूरत स्थाप्त्य की बेहतरीन मिसाल सभामंडप को देखने पर लगता है मानों पत्थरों पर ‘कविताएं’ उकेरी गई हों। यहां सौर वर्ष के 52 सप्ताह के प्रतीक के रूप में 52 नक्काशीदार स्तंभ है, जिन पर मनमोहक उत्कीर्णन के जरिए रामायण, महाभारत और कृष्ण लीला के दृश्यों को दिखाया गया है। झांकी के मुख्य ट्रेलर वाले हिस्से में विशाल सभामंडप शोभायमान है जबकि ट्रैक्टर वाले अगले हिस्से में कीर्ति तोरण जैसे दो स्तंभों को दर्शाया गया है। 

                      

झांकी पर अग्रणी शिल्पकारों ने फाइबल कास्टिंग के जरिए सूर्य मंदिर का हूबहू निर्माण किया है। पत्थर जैसी प्रतिकृति का निर्माण करने के लिए धौलपुर स्टोन टेक्सचर कलर का उपयोग किया गया है। एलईडी फ्लड लाइट के माध्यम से झांकी का यह सूर्य मंदिर प्रकाशमान है। 


मोढेरा सूर्य मंदिर की झांकी के साथ 12 महिला कलाकार टिप्पणी नृत्य की प्रस्तुति देंगे।  परंपरागत जिमी वेशभूषा से सुसज्जित इन गुजराती महिलाओं की टिप्पणी की पदचाप से राजपथ गूंज उठेगा। इस टिप्पणी नृत्य के लिए विशेष गीत की रचना की गई है। सूर्यदेव ना तेज छे अदकेरा, हेंडोने जइए सौ मोढेरा....अर्थात सूर्यदेव का तेज है अनूठा, चलिए सभी साथ चलते हैं मोढेरा.....कविता की इन पंक्तियों के जरिए पूरी दुनिया के सैलानियों से गुजरात के मोढेरा सूर्य मंदिर आने का आह्वाहन किया गया है। 

सूचना एवं प्रसारण विभाग के सचिव अश्विनी कुमार और सूचना निदेशक अशोक कालरिया के मार्गदर्शन में अतिरिक्त सूचना निदेशक अरविंद पटेल, उप सूचना निदेशक पंकज मोदी एवं हिरेन भट्ट तथा स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्रा.लि. के सिद्धेश्वर कानूगा और उनकी टीम ने इस झांकी को जी-जान से तैयार किया है। 

शिल्पकार, चित्रकार, फैब्रिकेटर, मिस्त्री और अन्य कारीगरों समेत 60 कलाकार नई दिल्ली में इस झांकी को अंतिम रूप दे रहे हैं। सूर्य मंदिर जैसे हूबहू शिल्प और वास्तुकला के साथ ही टिप्पणी नृत्य के जरिए गुजरात की कला और संस्कृति को प्रस्तुत करती यह झांकी नई दिल्ली के राजपथ की शोभा बढ़ाएगी।  


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही