भारत ने मॉरीशस, म्यांमार और सेशेल्स को उपहार में दी कोविडशील्ड वैक्सीन की साढ़े 16 लाख खुराक
नई दिल्ली। भारत कोरोना
माहामारी से जूझ रहे जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के साथ पड़ोसी धर्म निभाने
के बाद अब समुद्री सीमा साझा करने वाले दोस्तों की मदद करने में जुटा हुआ है। इस
कड़ी में आज मॉरीशस, म्यांमार और सेशेल्स को भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
(एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविडशील्ड वैक्सीन की साढ़े 16 लाख खुराक उपहार
स्वरूप दी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार
को तड़के ही मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से एयर
इंडिया के विमान द्वारा तीनों देशों को वैक्सीन भेज दी गई। जिसमें मॉरीशस को एक
लाख, म्यांमार को 15
लाख और सेशेल्स को 50 हजार वैक्सीन की
खुराक भेजी गई है।
इससे पहले भारत अपने पड़ोसी देश भूटान, मालदीव, बांग्लादेश और
नेपाल को भी उपहार स्वरूप कोरोना वैक्सीन की पहली खेप भेज चुका है। जिसमें
बांग्लादेश को कोविडशील्ड वैक्सीन की 20 लाख, नेपाल को 10 लाख, भूटान को डेढ़ लाख, मालदीव को एक लाख
खुराक दी गई है।
मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि 'भारत के साथ मॉरीशस, म्यांमार और
सेशेल्स के ऐतिहासिक, सभ्यतागत और विशेष संबंध हैं। वैक्सीन मैत्री के दृष्टिकोण के
केंद्र में नेबरहुड फर्स्ट, एक्ट ईस्ट और सागर को रखा गया है।'
भारत की 'वैक्सीन मैत्री' डिप्लोमेसी
क्षेत्रीय कूटनीति में बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह भारत के लिए अपने
पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने का सुअवसर है। इससे एक
तरफ जहां 'नेबरहुड फर्स्ट'
नीति की प्रासंगिकता को बहाल करने में
सफलता मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन क्षेत्र में सभी
के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) साकार होगा।
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