प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आज वर्चुअली उद्धाटन किया

  • पहले चरण में 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित 508 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

नागरिक सत्ता ब्यूूरो, लखनऊ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 508 स्टेशनों के पुनर्निर्माण के लिए अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना को वर्चुअली लॉन्च किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृतकाल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा है, नई प्रेरणा है, नए संकल्प हैं। इसी आलोक में आज भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन, अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे। उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1300 स्टेशनों मे से आज करीब 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से 508 अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम शुरू हो रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि ये देश के इनफ्रास्ट्रक्चर के लिए, रेलवे के लिए और सबसे बड़ी बात है मेरे देश के सामान्य नागरिकों के लिए ये कितना बड़ा अभियान होने वाला है। इसका लाभ देश के लगभग सभी राज्यों को मिलेगा। जैसे यूपी में इसके लिए करीब साढ़े 4 हजार करोड़ रुपए के खर्च से 55 अमृत स्टेशन्स को विकसित किया जाएगा। राजस्थान के भी 55 रेलवे स्टेशन, अमृत भारत स्टेशन बनेंगे। एमपी में 1 हजार करोड़ रुपए के खर्च से 34 स्टेशन्स का कायाकल्प होने वाला है। महाराष्ट्र में 44 स्टेशन्स के विकास के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। तमिलनाडु, कर्नाटका और केरला के भी प्रमुख स्टेशन्स को अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। मैं अमृतकाल के प्रारंभ में इस ऐतिहासिक अभियान के लिए रेल मंत्रालय की सराहना करता हूँ और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।

रेलवे को हमारे देश की लाइफ-लाइन कहा जाता है। लेकिन इसके साथ ही, हमारे शहरों की पहचान भी शहर के रेलवे स्टेशन से जुड़ी होती है। समय के साथ ये रेलवे स्टेशन अब हार्ट ऑफ द सिटी बन गए हैं। शहर की सारी प्रमुख गतिविधियां, रेलवे स्टेशनों के आसपास ही होती हैं। इसलिए आज बहुत आवश्यक है कि हमारे रेलवे स्टेशनों को नए आधुनिक स्वरूप में ढाला जाए। 

पहले चरण में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, मध्य प्रदेश में 34, पश्चिम बंगाल में 37, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22 और गुजरात-तेलंगाना में 21-21 स्टेशनों को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु में 18-18 स्टेशन, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशनों को री-डेवलप किया जाएगा। इसमें कुल 24,470 करोड़ रुपए खर्च होंगे।


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