विधान सभा का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित


लखनऊः 22 अगस्त, 2020
24 तक चलने वाले विधान सभा का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामें के बाद आज तिसरे दिन ही समाप्त हो गया। विधान सभा सत्र के समाप्ति पर अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश और सारी दुनिया की संसदीय संस्थाओं के सामने संकट है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना जहां महामारी के दौरान भी सफलतापूर्वक सदन की कार्यवाही का संचालन किया गया। उत्तर प्रदेश पहली विधान सभा है जहां सत्र में भाग लेने से पहले सभी विधायकों का कोरोना की जांच की गयी। साथ ही विधान सभा सचिवालय के सभी कर्मचारियों का भी कोरोना टेस्ट कराया गया। 


उन्होने कहा कि यह पहली विधान सभा है जहां सदन के भीतर भौतिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए सदस्यों को दर्शक दीर्घा तक में बैठाने का प्रबन्धन किया गया। सभी सदस्यों ने हमारे अनुरोध का अक्षरशः पालन किया। हमने तमाम विषम परिस्थितियों के बीच 3 दिन का सत्र चलाया। तथा शनिवार को भी सत्र को संचालित कर शनिवार का भी सदुपयोग किया। 


अध्यक्ष ने कहा कि दुख की दृष्टि से उत्तर प्रदेश विधान सभा ने इस बीच अपने 5 वर्तमान सदस्य और 22 पूर्व सदस्य खोयें है। इसका हमें बेहद दुःख है। विधान सभा की कार्यवाही के संचालन में सभी माननीय सदस्यों ने सहयोग किया। प्रतिपक्ष ने भी हमारा सहयोग किया। 3 दिन के सत्र में नियम-56 के अन्तर्गत कुल 18 सूचनाएं प्राप्त हुई। इनमें से 10 सूचनाओं को सरकार के ध्यान आकर्षित करने के लिए भेज दिया गया। नियम 56 के अन्तर्गत सारी सूचनाएं अग्राह्य कर दी गयी। सूचनाओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। नियम-301 ध्यानाकर्षण अन्तर्गत कुल 92 सूचनाएं प्राप्त हुई। सभी 92 सूचनाएं स्वीकार कर ली गयी। सदस्यों के हित के लिए कि वे अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाते हैं। सारी सूचनाएं स्वीकार की गयी। इसी प्रकार नियम-51 के अन्तर्गत सदस्य अपने क्षेत्र या उत्तर प्रदेश की कतिपय समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सूचनाएं देते है। हम लोगों ने नियम-51 के अन्तर्गत प्राप्त 102 सारी सूचनाएं स्वीकार की।


अध्यक्ष ने कहा कि यह सत्र बड़ा उपयोगी रहा। इस बीच में 138 याचिकाएं भी स्वीकृत हुई। हमने 27 विधेयक पारित किये जो एक रिकार्ड है। वर्चुअल हिस्सेदारी करने की व्यवस्था करने वाली भी यह पहली विधान सभा है। और वर्चुअल भागीदारी के लिए अध्येता ब्रिटेन और कनाडा का स्मरण करते है। हमारी विधान सभा के 33 सदस्यों ने वर्चुअल उपस्थिति प्रकट की है। उन्होने सत्ता पक्ष, प्रतिपक्ष के सभी सदस्य एवं सभी दलीय नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और धन्यवाद दिया। सरकार के कई अंग इस बार सत्र की तैयारी में हिस्सा ले रहे थे, उन सरकारीतंत्र को भी धन्यवाद दिया। विधान सभा सचिवालय ने प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे के नेतृत्व में इस विशेष सत्र के आयोजन में विषम परिस्थिति में पूरा सहयोग किया है।


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