एकेटीयू द्वारा सात दिवसीय ई-बूटाथान कार्यक्रम का शुभारम्भ

 



लखनऊः 27 अगस्त, 2020
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में आईआईटी, कानपुर एवं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बाँदा के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय ई-बूटाथान 03 कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्यवक्ता आईआईटी कानपुर के प्रो कांतेश बलानी एवं विवि के टीईक्यूआईपी थ्री के मेंटर इंस्टीट्यूट डॉ बाबासाहेब आंबेडकर तंत्रशास्त्र विवि, लोनेरे महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट निदेशक प्रो यसबी देवसारकर ने भाग लिया।


ई-बूटाथान 03 के शुभारम्भ सत्र में नोडल अफसर एकेडमिक टीईक्यूआईपी-थ्री डॉ सचिन सिंह द्वारा सभी ऑनलाइन उपस्थित प्रतिभागियों एवं वक्ताओं का स्वागत किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि वर्चुअल लैब और वर्चुअल क्लास आज के समय की शिक्षा की अहम् जरुरत है। ऑनलाइन और वर्चुअल प्लेटफार्म्स कोविड-19 महामारी के समय पठन पाठन का एक मात्र सुलभ और सरल विकल्प हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विगत दो ई-बूटाथान में अब तक कुल 83 टीमों ने भाग लिया, जिनमें 108 वर्चुअल लैब एक्सपेरिमेंट्स किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति तक 330 एक्सपेरिमेंट मैप किये जा चुके हैं।


विवि के प्रतिकुलपति प्रो विनीत कंसल ने कहा कि वर्चुअल लैब के माध्यम से तकनीकी उच्च शिक्षा के प्रयोगों को करने के लिए एक आसान और सुलभ मंच मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ई-बूटाथान एक सात दिवसीय ट्रेनिंग है। इस ट्रेनिंग में 63 टीमें प्रतिभाग कर रही हैं।  प्रत्येक टीम में पांच सदस्य हैं, जिसमें चार विद्यार्थी और एक शिक्षक शामिल है। प्रत्येक टीम द्वारा एक्सपेरिमेंट करने एवं उनको मैप करने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत वर्चुअल लैब को विवि के पाठ्यक्रमों की पाठ्यचर्या में शामिल करने की कार्यवाही हाल ही में पूर्ण की गयी है। 


वर्चुअल लैब सेल के चेयरमैन एवं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बाँदा के निदेशक प्रो एसपी शुक्ला ने ई-बूटाथान 03 के विभिन्न पहलुओं और विशेषताओं से परिचित कराया। प्रो शुक्ला ने बताया कि वर्चुअल लैब के प्रचार प्रसार एवं निर्माण के लिए कुलपति प्रो पाठक के निर्देशन में माह अप्रैल में वर्चुअल लैब सेल की स्थापना की गयी है। इसके माध्यम से कई वेबिनार का आयोजन किया गया है।


आईआईटी कानपुर के प्रो कांतेश बलानी ने विवि द्वरा वर्चुअल लैब के वृहत प्रयोग के लिए किये  जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्चुअल लैब एक ऐसा प्लेटफार्म है जो विद्यार्थियों और शिक्षकों को ऑनलाइन प्रेक्टिकल करने का अवसर प्रदान करता है।  उन्होंने कहा कि वर्चुअल स्पेस में विकसित किये गये प्रेक्टिकल का लाभ एक साथ हजारो विद्यार्थियों को मिल सकता है।    


प्रो एस बी देवसारकर ने विवि द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए वर्चुअल लैब की महत्व के विषय में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी के इस दौर में अब विवि  सम्बद्ध संस्थानों के विद्यार्थियों को वर्चुअल स्पेस के माध्यम से प्रेक्टिकल्स करवाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। एकेटीयू देश का पहला विवि है, जिसने समय की मांग को देखते हुए वर्चुअल लैब को वर्ष 2019 में अपने सिलेबस में शामिल किया है। 


वर्चुअल लैब सेल के कोचेयर डॉ आशुतोष तिवारी ने बताया कि ई-बूटाथान में एक वर्चुअल लैब बनाने वाली प्रतियोगी टीम को सर्टिफिकेट ऑफ पार्टिसिपेशन, दो वर्चुअल लैब बनाने वाली टीम को सिल्वर सर्टिफिकेट और तीन वर्चुअल लैब बनाने वाली प्रतियोगी टीम को गोल्ड सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। विश्वविद्यालय के डीन यूजी प्रो सुबोध वैरिया ने शुभारम्भ सत्र के समापन पर सभी प्रतिभागियों और व्यक्ताओं को धन्यवाद किया। इस अवसर पर विवि के उप परीक्षा नियंत्रक डॉ आशुतोष द्विवेदी, वर्चुअल लैब सेल टीम के अन्य सदस्य डॉ. संगीता अरोरा, डॉ अरविन्द कुमार पांडेय सहित लगभग 90 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया ।


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