शिव साधना से हर मनोकामना होती है पूर्ण: आचार्य अजय शुक्ल



देवरिया। नगर के नाथ नगर में एक दिवसीय शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम माना जाता है। इसके जप मात्र से ही मानव जीवन की समस्त व्याधियां व बाधाएं दूर हो जाती हैं। 

आचार्य शुक्ल ने कहा कि स्नान के समय अगर आप इस महामन्त्र को जपते हैं तो आरोग्यता प्रदान होती है। मन्त्र के जाप के समय यदि दूध में निहारा जाय व बाद में उस दूध का सेवन किया जाए तो यौवन की सुरक्षा प्राप्त होता है। भगवान शिव सपनों के हर्ता हैं, शिवत्व एक रक्षा चक्र है, शक्ति चक्र है जो साधक को हर तरह से सुरक्षित कर देता है। शिव साधना से भक्तों की हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है, यह जगत शिवशक्ति स्वरूप ही है, शिव ही आदि गुरु कहलाते हैं, इसलिए इनके ध्यान से गुरु कृपा स्वतः मिलने लगती है।गुरु का ध्यान शिव का ही धर्म है। अगर पूरे ब्रम्हांड में कोई परम् तत्व है, परम् स्थिति है तो वह शिव ही हैं, जो जागृत, स्वप्न, और सुप्त तीनों के स्वामी हैं।

बाबा भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करने वाले को पूरे धरती पर आजीवन कोई दुःख, रोग, शोक नही होता है।सभी देवताओं में सबसे जल्द अपने भक्त पर दया करने वाले देवता हैं।सावन के पावन महीने में बाबा भोलेनाथ की कृपा अपने भक्तों पर बरसती रहती है।शिव ही पालन कर्ता व विनाश कर्ता है, भक्त अगर पूरे मनोयोग से इनकी आराधना करता है तो उसका सम्पूर्ण जीवन आनंदमय हो जाता है, सारे विध्नों का सर्वनाश हो जाता है। 

कथा के दौरान पंडित पवन, विवेक शास्त्री, अभय, मनोज मौर्या, संदीप, धीरज, संतोष, मुसाफिर शर्मा, नित्यानंद, सुनीता देवी, मदन, दुर्गा देवी, ललिता देवी, अभिलाषा देवी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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