भाषा विश्वविद्यालय में मोटे अनाज के फायदे पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

लखनऊ। मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत की ओर से पेश एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है, जिसके तहत वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया। इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया। इसी प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह के नेतृत्व में गृह विज्ञान विभाग के द्वारा 16 जून को मोटे अनाज पर पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिससे लोगो में इसके प्रति जागरूकता और रूचि लायी जा सके।

आज डॉ ततहीर फातमा डीन फैकल्टी ऑफ साइंस और हेड होम साइंस विभाग के मार्गदर्शन में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग एवं जंतु विज्ञान विभाग द्वारा पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय के गणेश शंकर विद्यार्थी शिक्षा केंद्र (रूसा बिल्डिंग) में किया गया। डॉ कीर्तिमा सचान सहायक प्रोफेसर गृह विज्ञान विभाग और डॉ रत्नेश सिंह सहायक प्रोफेसर जंतु विज्ञान विभाग ने बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम को आयोजित किया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र छात्राओं ने कई समूहों में प्रतिभाग किया विद्यार्थियों ने मोटे अनाज का स्वास्थ पर प्रभाव, मोटे अनाज के प्रकार, महत्त्व और उत्पादन इत्यादि पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में प्रथम पुरुस्कार अय्यूब, हलीमा, रिदा जंतु विज्ञान विभाग, द्वितीय पुरुस्कार आज़मा, प्रिया, सालिम जंतु विज्ञान विभाग, तृतीय पुरुस्कार प्रियंका, शिखा, विभा गृह विज्ञान विभाग एवं सांत्वना पुरुस्कार आकांशा, रोमल, शीतला गृह विज्ञान विभाग, बरीरा, तहरीम, शीबा गृह विज्ञान विभाग को मिला इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डॉ मज़हर ख़ालिक़ डॉ तत्हीर फात्मा एवं डॉ आसिफ जाफरी ने अपनी भूमिका निभाई और साथ ही साथ विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए आगे भविष्य में भी बढ़चढ़कर सभी प्रतियोगिताओ में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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