भारत विश्व का सबसे विशाल व जीवंत लोकतंत्र हैः ओम बिरला

  • सदन में नियोजित गतिरोध से सदनों की गरिमा कम होना गंम्भीर चिंता का विषय हैः ओम बिरला

महाराष्ट्र। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय व्यापक सतत विकास के केंद्रीय विचार के साथ आयोजित मुम्बई में नेशनल लेजिस्लेटर्स कांफ्रेंस का उद्घाटन किया और पंचायत से संसद तक के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया। ओम बिरला ने कहा कि भारत विश्व का सबसे विशाल व जीवंत लोकतंत्र है। विचारों में लोकतंत्र होने के कारण हम आजादी के बाद की कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सफल हुए और विश्व के लिए मार्गदर्शक बने। 

ओम बिरला ने कहा कि सदन में नियोजित गतिरोध से सदनों की गरिमा कम होती जा रही है। जो गंम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन के बाद जनप्रतिनिधि पार्टी का नहीं बल्कि जनता का प्रतिनिधि होता है। प्रतिनिधियों को चाहिए कि वे  विचारधारा की जगह मेरिट के आधार पर सरकार की नीतियों-कार्यक्रमों की सकारात्मक आलोचना करें तथा सदनों का उपयोग जनता के अधिकतम कल्याण के लिए करें।

ओम बिरला ने नसीहत दी कि हम अपने अनुभव और बेस्ट प्रेक्टिस को साझा करें। हमारा प्रयास होना चाहिए कि इस अमृतकाल में सामर्थ्यवान युवाओं, अपार जनशक्ति, प्राकृतिक संसाधनों तथा सशक्त लोकतंत्र का उचित उपयोग करते हुए अपने क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हुए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

देश में पहली बार हो रहा यह सम्मेलन देश को लगातार प्रगतिशील सोच और नेतृत्व देने का काम करेगा। सम्मेलन में विधानसभा के विधायक और विधान परिषद के सदस्य भी शामिल हुए। सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों जैसे लोकतंत्र में नीति निर्माण, विधायिका को मजबूती, सदन में विधायकों की भूमिका और कार्य व्यवहार जैसे विषयों पर मंथन किया गया। 

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