शिक्षा सम्पूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण का माध्यम है: मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया
  • मुख्यमंत्री ने 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन में केन्द्र व राज्य स्तरीय बोर्ड परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने वाले 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर टैबलेट वितरण किया साथ ही 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 10 मेधावी विद्यार्थियों को एक-एक लाख रुपये का प्रतीकात्मक चेक, एक-एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र तथा मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री अथवा सर्टिफिकेट प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सम्पूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण का माध्यम है। परीक्षा का मतलब विद्यार्थी को परेशान करना नहीं है। यह उनके सामान्य मूल्यांकन का आधार है। विद्यार्थी की क्षमता व योग्यता को सामान्य परिस्थिति में प्रदर्शन के आधार पर देखा जा सकता है। इसकी पहली शर्त पारदर्शी, शुचितापूर्ण तथा नकलविहीन परीक्षा है। प्रश्नपत्र बहुत कठिन न होकर सामान्य प्रकृति का होना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद देश के विभिन्न राज्यों में सबसे बड़ा बोर्ड है। प्रतिवर्ष लगभग 56 लाख छात्र-छात्राएं हाई स्कूल तथा इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेते हैं। 

इनमें उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज, उ0प्र0 माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ, काउन्सिल फॉर दि इण्डियन स्कूल सर्टिफिकेट्स एग्जामिनेशन नई दिल्ली तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। उन्होंने 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा तैयार की गई विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी विषयों की शिक्षक संदर्शिका का विमोचन किया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग की उपलब्धियों पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी मेधावी छात्र-छात्राओं तथा मेरिट सूची में स्थान बनाने वाले विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नकल, मेहनत करने वाले विद्यार्थियों के हक पर डकैती डालने जैसा है। आज से लगभग 06 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद नकल के लिए बदनाम था। धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ। नकल बन्द हुई। सामूहिक नकल के मामलों पर केन्द्रों को डिबार किया गया। 

मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 6 वर्षों में पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से 1 लाख 62 हजार से ज्यादा शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड या बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्त किया गया। शिक्षकों की इतने बड़े स्तर पर सरकारी नियुक्ति देश के किसी अन्य राज्य में नहीं हुई। संस्कृत बोर्ड के विद्यालयों में भी पठन-पाठन का माहौल बनाने के लिए मानदेय पर शिक्षकों को रखा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में पंचायतीराज विभाग द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ की शुरूआत की गई है। इसके अन्तर्गत किसी भी ग्राम पंचायत का कोई व्यक्ति, जो देश व दुनिया में कहीं भी रह रहा हो, वह अपने गांव में जनसुविधा का कोई कार्य जैसे हॉस्पिटल, कन्वेंशन सेन्टर या अन्य कोई कार्य कराना चाहता है, तो मातृभूमि योजना के अन्तर्गत कार्य की 60 प्रतिशत धनराशि व्यक्ति देगा तथा शेष 40 प्रतिशत राज्य सरकार योगदान देगी। भवन का नामकरण उस व्यक्ति के पूर्वजों के नाम पर किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा से जुड़े बच्चों का यह अधिकार है कि वे टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना सीखें। सरकार ने इसके लिए तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 2 करोड़ युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे शासन की योजनाओं के साथ जुड़ सकें। 

इस अवसर पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव वित्त, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द सहित माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, मेधावी छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण तथा शिक्षक उपस्थित थे।


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