आर्थिक प्रगति का आकलन समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों की स्थिति से होता है: मुख्यमंत्री



लखनऊ: 28 सितम्बर, 2020: 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर द्वारा आयोजित वर्चुअल व्याख्यान माला को सम्बोधित कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय का मानना था कि किसी समाज की आर्थिक प्रगति का आकलन उसमें सम्पन्न व्यक्तियों की स्थिति नहीं, बल्कि समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों की स्थिति से होती है। उनका कहना था कि गांवों के आत्मनिर्भर होने से समाज के अन्तिम व्यक्ति के जीवन व स्थिति में सकारात्मक बदलाव आएगा। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की गयी है। यह अभियान सशक्त एवं समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज के माध्यम से देश महामारी से भी निपट रहा है और सतत आर्थिक विकास के लिए भी प्रयत्नशील है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय संवेदनशीलता को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। आदि शंकराचार्य की जीवनी में पं दीन दयाल उपाध्याय लिखते हैं कि आदि गुरू शंकराचार्य एक बार एक घर में भिक्षा मांगने गये। भिक्षा के लिए एक घर के दरवाजे पर आवाज लगाने के पश्चात उन्होंने देखा कि घर के सामने एक झोपड़ी में एक दीन हीन व्यक्ति भूख से कराह रहा है। घर की मालकिन द्वारा भिक्षा लेकर आने पर उन्होंने भिक्षा लेने से इन्कार कर दिया। घर की मालकिन द्वारा कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपके घर के सामने एक व्यक्ति भूख से कराह रहा है। आप उसके दुःख, दर्द के प्रति संवेदनहीन हैं। आपसे ली गयी भिक्षा मुझे भी ऐसी ही संवेदनहीन बनाएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय का मानना था कि पूरे देश व समाज में ऐसी संवेदनशीलता की आवश्यकता है, जिससे कहीं भी कोई व्यक्ति गरीबी, बेचारगी, अभाव से ग्रस्त न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसी ही संवेदना से युक्त हैं। कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन लागू करने के पश्चात उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के अन्तर्गत 80 करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था, रसोई गैस की व्यवस्था, वृद्ध, निराश्रित महिला व दिव्यांगजन के लिए अग्रिम पेंशन की व्यवस्था तथा उपचार की व्यवस्था की गयी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन मानवीय संवेदनाओं से युक्त हैं। इसमें उनकी वैचारिक दृष्टिकोण का भी योगदान है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज में पं0 दीन दयाल उपाध्याय के अन्त्योदय का संकल्प छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अतिरिक्त आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित आर्थिक पैकेज में भी कहीं न कहीं पं0 दीन दयाल उपाध्याय की प्रेरणा है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय ने समाज के अन्तिम व्यक्ति, गांव के आत्मनिर्भर होने की बात की है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से यह भी दुनिया के सम्मुख साकार होते हुए दिखायी देगा।  आत्मनिर्भर भारत अभियान का आधार स्वदेशी व स्वावलम्बन है। यह देश की जीवन्त अर्थव्यवस्था, भारत की परम्परागत कारीगरी व परम्परागत शिल्प की पुनस्र्थापना से जुड़ा हुआ है। आत्मनिर्भरता का आशय डिमाण्ड और सप्लाई के मध्य सन्तुलन से है। उन्होंने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय यही करना चाहते थे। हमारे गांव, हमारी पारम्परिक कारीगरी एवं शिल्प आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 3 वर्षाें में राज्य सरकार द्वारा ऐसे कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के अंग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की 17 प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 8 प्रतिशत का है। प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी युवा व कामकाजी है। हमारा प्रदेश असीम सम्भावनाओं वाला प्रदेश है, जिसमें देश की आत्मा निवास करती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वह राज्य है, जहां भगवान श्रीराम व भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया है। दुनिया की प्राचीनतम व भगवान शंकर की नगरी यहीं पर है। यहीं पर गंगा व यमुना का संगम है, जहां पर प्रयागराज कुम्भ-2019 का दिव्य एवं भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से यूनेस्को द्वारा कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा दी गयी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 जनवरी, 2018 को प्रथम उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी। यह परम्परागत शिल्प व कारीगरी को एक आधार देने की योजना है। इस योजना के माध्यम से लखनऊ का चिकन, मेरठ का खेल का सामान, मुरादाबाद का पीतल का सामान, अलीगढ़ का हार्डवेयर, भदोही का कालीन, कन्नौज का इत्र आदि प्रदेश की प्रत्येक जनपद का विशिष्ट उत्पाद आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेगा। इन उत्पादों के लिए राज्य सरकार द्वारा मार्केटिंग, ब्राॅण्डिंग, डिजाइनिंग आदि में योगदान किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दूसरे उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार करने वाली है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण परिवेश में विभिन्न परम्परागत कार्याें से जुड़े कारीगरों को ट्रेनिंग और टूलकिट उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, मुद्रा योजना के माध्यम से भी बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में लगभग 06 करोड़ एमएसएमई इकाइयां हैं। इनमें से लगभग 90 लाख हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में असीम सम्भावनाएं हैं। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत राज्य सरकार ने पहले चरण में 04 लाख 32 हजार एमएसएमई इकाइयों को 10 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिलाया है। इसी प्रकार इस क्षेत्र के नवउद्यमियों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में व्यापक सकारात्मक बदलाव होने जा रहा है। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये की घोषणा हुई है। इससे हर विकास खण्ड में भण्डारण की क्षमता के लिए कोल्ड स्टोरेज आदि स्थापित किये जाने हैं। एफपीओ का गठन किया जाना है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का आधार बनेगा। कृषि के क्षेत्र में केन्द्र सरकार द्वारा 03 नये अधिनियम पारित कराये गये हैं। इससे किसान ‘एक नेशन, एक मार्केट’ के तहत अब अपना उत्पाद देश में कहीं भी विक्रय कर सकेगा तथा कोई टैक्स भी देय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा। इससे बिचैलिये किसानों का लाभांश हड़प नहीं पाएंगे। 


 


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