पिछली सरकारों के कार्यकाल में बेईमानी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थीं परीक्षाएं: योगी आदित्यनाथ


चयनित सहायक अभियन्ताओं को सौंपे प्रमाण पत्र, कहा किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का करें कार्य


लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की मेरिट के आधार पर निष्पक्ष एवं पारदर्शी पदस्थापना प्रक्रिया में प्रतिभागी नव चयनित सहायक अभियन्ताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन में प्रमाण पत्र सौंपे। मुख्यमंत्री योगी ने नव चयनित सहायक अभियन्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2011-13 से यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। लोकसेवा आयोग को यह प्रक्रिया आगे बढ़ाना था, लेकिन पिछली सरकारों की नीयत साफ न होने से इसे अटकाए रखा गया। पिछली सरकारों में यह महत्वपूर्ण परीक्षा बेईमानी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार आई, तो पूरी शुचिता और पारदर्शी तरीके से इस कार्य को आगे बढ़ाया गया। जिसका आज बड़ा ही सकारात्मक परिणाम आप सबके सामने है। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि डिग्री लेना आपका सैद्धांतिक पक्ष है, इसे व्यवहारिक रूप में उतारने का अब आपको मौका मिला है। आप सभी प्रदेश की 23 करोड़ जनता तथा खासकर किसानों के जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। आज 544 सहायक अभियन्ता सरकार के हिस्सा बने हैं। आप सभी को ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से प्रमाण पत्र हासिल हुआ है। जिस तरह से हमारी सरकार ने पूरी शुचिता और पारदर्शी तरीके से आप सभी सहायक अभिन्ताओं की भर्ती और पोस्टिंग कर रही है, उसी तरह आप सभी अपने दैनिक जीवन में इस शुचिता और पारदर्शिता को अंगीकार करें, जिससे आप सभी को कभी भी सिफारिश करने की जरूरत ही न पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आप सभी से अपेक्षा करती है कि आप लोग अपनी असीमित ऊर्जा से अपने विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अच्छी उर्वरा वाली भूमि और जल संसाधन है। पूरी दुनिया का पेट उत्तर प्रदेश भर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दो महत्वपूर्ण कार्य सभी को करना होगा। पहला बाढ़ नियंत्रण कर जनधन हानि को रोकना और दूसरा सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाना। इससे सीधे तौर पर किसान लाभान्वित होंगे। 



41 वर्ष से लंबित बाण सागर परियोजना को हमारी सरकार ने शुरू करवाया'


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना 41 वर्षों से लंबित थी। 1973-74 में इस परियोजना को योजना आयोग ने स्वीकृति दी। वर्ष 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इसे शुरू करवाया। 41 वर्षों में यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी, क्योंकि पिछली सरकारों के एजेंडे में किसान नहीं थे। ऐसी परियोजनाएं कुछ लोगों के लिए लूट-खसोट का जरिया बन गई थीं। हमने तय किया कि सभी कार्य समयबद्ध तरीके से होगा। हमारी सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को शुरू किया। आज 2 लाख हेक्टेअर भूमि के सिंचन की सुविधा प्रदेश में है। इसे बढ़ाकर 14 लाख हेक्टेअर भूमि के सिंचन की व्यवस्था करवाने के लिए कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी लंबित परियोजनाओं को समय अवधि के अंदर पूरा करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कुछ साल पहले तक अयोध्या में श्रीराम की पैड़ी का पानी सड़ रहा था। सिंचाई विभाग ने राम की पैड़ी को आज स्नान करने के लायक बना दिया है। सिंचाई विभाग की ठोस कार्ययोजना से ही प्रदेश इस बार बाढ़ की चपेट में नहीं आया। उन्होंने कहा कि तकनीक का सहारा लेकर जहां हमारी सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सफल हुई है, वहीं तकनीक के सहारे 23 करोड़ की जनता को खुशहाल करने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है। 


इस मौके पर जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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