क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी हस्ताक्षर ना करें भारत सरकार :संदीप बंसल


लखनऊ। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि संगठन क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी आरसीईपी रीजनल कंप्रिहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप का पुरजोर विरोध करता है। इस भागीदारी से भारत के उद्यमी व्यापारी और किसान का शत प्रतिशत नुकसान होने की संभावना है।
 श्री बंसल ने कहा कि 4 व 5 नवंबर को बैंकॉक में होने वाली इस बैठक में आसियान देशों के अलावा 16 देश समझौते पर विचार मंथन करें रहे हैं। इन सभी देशों के पास भारत जैसा बाजार नहीं है। उनको बाजार चाहिए और यदि हम उनको भारत का बाजार उपलब्ध कराते हैं तो वह यहां पर अपने देशों का माल देख कर भारत के उद्यमियों किसानों और व्यापारियों को बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे इसलिए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल इस क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी का पुरजोर विरोध करते हुए भारत सरकार से प्रधानमंत्री से मांग करता है इस समझौते पर हस्ताक्षर ना किए जाएं।
इस समझौते के अंतर्गत भारत को आयात शुल्क को समाप्त करना पड़ेगा या अत्यंत सूक्ष्म करना पड़ेगा जिसका खामियाजा सीधे तौर पर देश के किसान व्यापारी और उद्यमी को भुगतना पड़ेगा यह सभी 15 देश अपने अपने देशों का सस्ता माल भारत मे खापाएंगे। इसके विरोध में संगठन देश के सभी सांसदों और विधायकों को 3,4 व 5 नवंबर को ज्ञापन देगा।
संगठन के राष्ट्रीय मंत्री रिपन कंसल प्रदीप अग्रवाल हाफिज जलील अहमद सिद्धकी सुरेश चलानी ने कहा कि एफ डी आई इन रिटेल की तरह ऑनलाइन कंपनियों को जिस प्रकार से बढ़ावा मिल रहा है अमेरिकन कंपनियां देश के खुदरा व्यापार पर कब्जा कर रही हैं क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के होने के वजह से बचा कुचा व्यापार भी इन 15 देशों के हाथ में चला जाएगा और भारत का किसान छोटा उद्यमी और व्यापारी बेरोजगारी के कगार पर पहुंच जाएगा इसलिए अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल इस समझौते का पुरजोर ढंग से विरोध करता है।
                        


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