मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सात फैसलों को दी मंजूरी

अयोध्या का होगा सौंदर्यीकरण, डिजीटल म्युजियम के साथ भगवान श्रीराम की लगेगी भव्य प्रतिमा


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक में सात अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में डिजीटल म्युजियम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा लगाने व अन्य सुविधाओं के लिए कैबिनेट ने 446.46 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटक पुलिस थाना की स्थापना की जाएगी। जबकि प्रदेश में 28 नए विकास खंडों के सृजन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुन: सर्वे और अध्ययन करने को कहा है। 


उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में पर्यटन और सौन्दर्यीकरण की दृष्टि से डिजिटल म्युजियम, फ़ूड प्लाजा, लाइब्रेरी, लैंडस्केपिंग के साथ भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा के लिए अयोध्या में सदर तहसील के ग्राम मीरपुर में 61.3807 हेक्टेयर भूमि के क्रय के लिए 446.46 करोड़ का प्रस्ताव पारित किया गया है। डीपीआर समेत अन्य कार्यों को लिए 200 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाया जाना है। सरकार ने इसके लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 करोड़ स्वीकृत कर दिया है। जबकि आगे के फैसले के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। 


सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी के कैंट पुलिस थाना को दो थानों में विभाजित किया गया है। वाराणसी जिले के कैंट थाना को विभाजित कर लालपुर-पांडेयपुर के नाम से नया थाना बनाए जाने के लिए गृह विभाग को पट्टे की जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। 


कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में 28 विकास खंडों के सृजन के लिए पुन: सर्वे और अध्ययन की जरूरत है। जिससे अब इनकी फिर से विवेचना होगी। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कुल 30 विकास खंडों के सृजन का प्रस्ताव था, जिसमें 2 विकास खंडों (सोनभद्र जिले के कोन और कर्मा) के सृजन की मंजूरी दे दी गई है।   


प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति के तहत यूपीनेडा द्वारा 500 मेगावाट क्षमता का संयंत्र लगाने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक निविदा दस्तावेजों के आधार पर कंपनियों के चयन के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि 2014 में महज 17 मेगावाट बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से होता था, जो अब बढ़कर 1139 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो गया है। इसी क्रम में 860 मेगावाट बिजली का उत्पादन निर्माणाधीन है। उन्होंने बताया कि जालौन में 32 मेगावाट, औरैया में 20 मेगावाट और रिहन्द में 20 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा का प्रोजैक्ट लगाए जाएंगे।  


सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए सीरा नीति का निर्धारण किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुमानित 500 लाख क्विंटल सीरा पैदा होगा। कुल सीरे का 18 फीसदी सीरा देशी मदिरा के लिए जरूरत होती है। अब डिस्टिलेरीज 18 फीसदी के ऊपर सीरा स्वयं बेच सकती है। यह नॉन लेवी सीरा होगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल 12.5 फीसदी था, जिसे बाद में बढ़ाकर 16 फीसदी किया गया था।


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