कांग्रेसियो द्वारा केन्द्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय आंदोलन की तैयारी


देवरिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों और निर्णयों और बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, ध्वस्त होती बैंकिंग व्यवस्था, खत्म होती नौकरिया, निराशाजनक कृषि व्यवस्था के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन 5 नवंबर से 15 नवंबर तक किया जाएगा। इस आंदोलन में किसान संकट, सार्वजनिक उपक्रम विनिवेश और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के मुद्दों को उठाने का फैसला किया है। उक्त जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सच्चिदा सिंह राना ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिशा निर्देश पर सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व विधायक अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में चरणबद्ध कार्यक्रम चलाया जाएगा। 


10 दिवसीय आंदोलन की रूप रेखा तैयार
कांग्रेस के 10 दिवसीय आंदोलन कार्यक्रम में 5 नवंबर को प्रत्येक जनपद में दस दिवसीय अभियान की शुरूआत, 6 व 7 को भाजपा की गलत नीतियों की वजह से आम जनमानस को हो रही समस्याओं के लिए कांग्रेस कमेटी ब्लाक, तहसील, कचेहरी, कालेजों में पर्चा वितरण करेगीं। 8 व 9 को कांग्रेस आर्थिक मंदी और सरकारी नीतियों के विरोध में नुक्कड़ सभाएं जिला, शहर, ब्लाक, वार्ड स्तर पर करेगी। 10 को भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते बढ़ रही बेरोजगारी जो 47 सालों में सबसे ज्यादा है के खिलाफ जनपद के प्रत्येक मुख्य बाजारों में बरतन बजाकर प्रदर्शन किया जाएगा। 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस और मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती पर विद्यालयों में मंहगी शिक्षा, शिक्षा का निजीकरण और बेरोजगारी के सवाल पर वार्ता के लिए सेमिनार, संगोष्ठी और सभाओं का आयोजन किया जाएगा। 12 व 13 नवम्बर को किसानों की समस्याओं को लेकर 'अन्नदाता की सुनो' नाम से चैपाल का आयोजन किया जाएगा जिसमें बढ़ी बिजली दर, कर्ज माफी और फसल के मूल्य केा लेकर चर्चा होगी। 14 नवम्बर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू की जयन्ती पर 'नेहरू के सपनों का भारत' के नाम से सेमिनार और संगोष्ठी आयेाजित किए जाएंगे। 15 नवम्बर को जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन, सभा कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।


कांग्रेस का यह आंदोलन मील का पत्थर साबित होगा
 श्री राना ने कहा कि देश में मंदी और तालाबंदी' मौजूदा भाजपा सरकार की पहचान बन गई हैं। देश की अर्थव्यवस्था 'वेंटिलेटर' पर है व रोजगार सृजन 'कोमा' में है। न नौकरी है, न रोजगार, और कृषि क्षेत्र पर तो मंदी का दंश और भी बुरा है। डूबती अर्थव्यवस्था, घटती बचत, व्यापार की तालाबंदी और बैंक घोटालों में जनता के पैसे की लूट ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का दिवाला निकाल दिया है। इन सबके विरुद्ध कांग्रेस का यह आंदोलन मील का पत्थर साबित होगा


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