स्तन कोशिकाओं का अधिक तेजी से बढ़ना कैंसर का प्रमुख कारण: डॉ शालिनी सिंह

  • स्तन कैंसर जागरूकता पर हुआ व्याख्यान का आयोजन

लखनऊ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सत्याजीत रे प्रेक्षागृह में स्तन कैंसर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी संकाय व विभाग की छात्राएं तथा महिला शिक्षक व कर्मचारी सम्मिलित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान नोएडा की निदेशक डॉ शालिनी सिंह, कर्नल डॉ शेखर कश्यप, सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एचएस मिन्हास, सुभारती अस्पताल के चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ कृष्णा मूर्ति, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शल्या राज एवं सुभारती इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर मैनेजमेंट एंड रिसर्च के डायरेक्टर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष एम्स डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलन कर किया। विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।

  • गांठ, गिल्टी, वजन कम होना, भूख कम लगना, मुख, नाक या गुदा से खून का रिसाव जैसे लक्षण पर तुरंत जांच कराएं: डॉ अनुराग 

सुभारती इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर मैनेजमेंट एंड रिसर्च के डायरेक्टर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष एम्स डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने कैंसर होने के विभिन्न कारकों का उल्लेख करते हुए विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कैंसर के प्रारम्भिक लक्षण गांठ, गिल्टी, वजन कम होना, भूख कम लगना, मुख, नाक या गुदा से खून का रिसाव होना हो सकते है। उन्होंने बताया कि उक्त लक्षण होने पर तुरन्त जांच करानी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि सुभारती कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पेट सिटी स्कैन, मैमोग्राफी अल्ट्रासाउंड एमआरआई जैसी विश्वस्तरीय मशीनें उपलब्ध है, जो कैंसर की पहचान व इसके उपचार में सहयोगी है।

  • अक्टूबर में मनाया जाता है स्तन कैंसर जागरूकता माह : डॉ जीके थपलियाल 

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ जीके थपलियाल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसी क्रम में कैंसर रोग के प्रति जागरूक कर सभी को इसके कारण, निवारण एवं बचाव से रूबरू कराया जा रहा है।

  • कैंसर जटिल बीमारी है, जागरूकता से ही बचाव सम्भव : डॉ कृष्णा मूर्ति

सुभारती अस्पताल के चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ कृष्णा मूर्ति ने कहा कि कैंसर एक जटिल बीमारी है। जागरूकता से ही बचाव सम्भव है। उन्होंने बताया कि सुभारती अस्पताल चिकित्सीय सुविधाओं को सर्वसुलभ बनाकर जनमानस को लाभान्वित कर रहा है। उन्होंने बताया कि सुभारती कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में कैंसर रोग की आधुनिकतम मशीनों द्वारा रोगियों का सरलता से उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डिजिटल पेट सीटी मशीन विश्व की सबसे उच्चतम आधुनिक मशीन है, जो शरीर में कैंसर कहा कहा फैला है, इसकी पहचान कर जांच करेगी। इसके अलावा टेस्ला एमआरआई मशीन द्वारा मात्र दो मिनट में दिल एवं शरीर के किसी भी अंग सहित बच्चों की एमआरआई आसानी से की जा सकती है। साथ ही कार्डियक सीटी स्कैन मशीन द्वारा दिल की नसों की रुकावट बिना एंजियोग्राफी के पता लगाया जा सकता है। 

  • कैंसर से जागरूकता ही बचाव है: डॉ शल्या राज

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शल्या राज ने कहा कि कैंसर से जागरूकता ही बचाव है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जागरूक होने की अधिक आवश्यकता है, क्योंकि महिलाओं पर अधिक जिम्मेदारी होती है। इसलिये महिलाओं को सर्वप्रथम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय समय पर शरीर की जांच करानी चाहिए और हर प्रकार के रोग के प्रति जागरूकता प्राप्त करनी चाहिए। 

  • स्तन में गांठ, गिल्टी होना, वजन कम होना, भूख कम लगने से भी कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है: डॉ शालिनी 

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान नोएडा की निदेशक डॉ शालिनी सिंह ने कहा कि स्तन कैंसर का प्रमुख कारण स्तन कोशिकाओं का अन्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ना है। स्तन कैंसर कोशिकाओं के डीएनए में आनुवंशिक परिवर्तन होने पर भी होता है। इसके साथ ही स्तन में गांठ, गिल्टी का होना तथा वजन कम होना या भूख कम लगने से भी कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि उक्त किसी भी प्रकार के लक्षण प्रकट होने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाकर जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और हमेशा पौष्टिक आहार व ताजा फल ग्रहण करने चाहिए।

कर्नल डॉ शेखर कश्यप ने कहा कि स्वस्थ रहने का मतलब सिर्फ कभी कभार सलाद खाना या कुछ हफ़्तों में एक बार टहलने के लिए जाना नहीं है, बल्कि आपको अपनी तरफ से थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सेहत से बढ़कर तो कुछ भी नहीं है। जिसमें एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि सफाई का ध्यान रखें एवं बुरी आदतें जैसे फेड डाइटिंग और पर्याप्त नहीं सोने से भी बचना चाहिए।

इस अवसर पर सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एचएस मिन्हास, डॉ सत्यम खरे, डॉ विनीता निखिल, डॉ गीता प्रवंदा, डॉ जासमीन आनन्दाबाई, डॉ अर्चिता कंसल तिवारी, डॉ पर्ल, पीआरओ समीर सिंह आदि का सहयोग रहा।

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