रक्षामंत्री एवं मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

  • केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने ‘रन फॉर यूनिटी’ एकता दौड़ का फ्लैग ऑफ किया 
  • मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की शपथ दिलायी

लखनऊ। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज जीपीओ स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने ‘रन फॉर यूनिटी’ एकता दौड़ का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की शपथ दिलायी।

  • सरदार पटेल ने देशी रियासतों को देश में मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायीः रक्षामंत्री

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हम सभी देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम के लिए उपस्थित हुए हैं। देश भर में सरदार पटेल की जयन्ती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनायी जाती है। आज हम सरदार पटेल को याद कर रहे हैं तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इसके साथ ही हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों व नेताओं का स्मरण करना चाहिए, जिन्होंने भारत को आजाद कराने व स्वतंत्र भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। 15 अगस्त, 1947 को जब देश आजाद हुआ था उस समय देश 562 रियासतों में बटा हुआ था। अंग्रेजों ने जानबूझकर इन रियासतों को भारत में विलय करने या अलग रहने के निर्णय करने का मौका दिया। ऐसे में देश के गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने देशी रियासतों को देश में मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। सरदार पटेल की दूरदर्शिता, उनकी कूटनीतिक एवं राजनीतिक क्षमता का ही परिणाम था कि भारत की एकता व अखंडता सुनिश्चित की जा सकी।

  • भारत को एक बनाने में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है

केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि जूनागढ़ एवं निजामशाही रियासतों को भी सरदार पटेल ने भारत में विलय कराया। जम्मू-कश्मीर के विलय का कार्य यदि सरदार पटेल को सौंपा गया होता, तो संविधान की धारा-370 की समस्या किसी भी सूरत में सामने नहीं आती। केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत में भारत को एक बनाने में सरदार पटेल की जो महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उसको प्रमुखता से देश की जनता के सामने नहीं आने दिया गया। विगत 10 वर्षों से सरदार पटेल को वह सम्मान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके वह सच्चे हकदार रहे हैं। सरदार पटेल ने सिविल सर्विसेज जैसे स्टील फ्रेम का भी निर्माण किया था। 

  • युवा पीढ़ी सरदार पटेल के योगदान के महत्व को समझे इसलिए रन फॉर यूनिटी का होता है आयोजन

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज वह लखनऊ में रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखा रहे हैं। यह रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम प्रतिवर्ष इसलिए आयोजित किया जाता है, ताकि देश की युवा पीढ़ी सरदार पटेल के योगदान के महत्व को समझ सके। उनसे प्रेरणा लेकर भारत की एकता व अखण्डता का संदेश जनता के बीच पहुंचा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को स्थापित कराया है। इसका नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी रखा गया है। यह प्रतिमा न्यूयॉर्क के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ऊंची है। केवड़िया एक प्रेरणादायक पर्यटन स्थल भी है। सरदार पटेल की जयन्ती एकजुटता के संकल्प का दिन है। एकता के संकल्प का दिन है। अखंडता बनाए रखने का संकल्प लेने का भी दिन है।

  • स्वतंत्र भारत में अलग-अलग रियासतों को एक करने में सरदार पटेल ने महत्वपूर्ण योगदान दियाः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता के आधार स्तम्भ भारत माता के महान सपूत लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज पावन जयन्ती है। वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब स्वतंत्र भारत में अलग-अलग रियासतों को भारत का हिस्सा बनाने में सरदार पटेल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके योगदान के लिए उनके कार्यकाल के दौरान तात्कालिक सरकार यथोचित सम्मान नहीं दे पाई थी। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्रीजी ने सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए 31 अक्टूबर की तिथि को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में आयोजित करना प्रारम्भ किया। रन फॉर यूनिटी के माध्यम से देश के नागरिक जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा को भूलकर राष्ट्रीय एकता के लिए सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए इस एकता दौड़ में शामिल हो रहे हैं। 

इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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