ऑनलाइन रैगिंग का स्वरूप है साइबर बुलिंगः डॉ राकेश चंद्रा

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार ‘साइबर क्राइम एंड कम्पलायंस ऑफ़ साइबर ला’ में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ राकेश चंद्रा पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि साइबर बुलिंग ऑनलाइन रैगिंग का स्वरूप है। 

कार्यक्रम के दौरान डॉ चंद्रा ने विद्यार्थियों को साइबर बुलिंग यानी अश्लील भाषा, तस्वीरों एवं धमकियों से इंटरनेट पर किसी को तंग करना व उसे रोकने हेतु बनाये गए कानूनों के बारे में बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि साइबर अपराध साधारणतः किसी प्रकार की हिंसा नही फैलाते लेकिन किसी व्यक्ति के चरित्र एवं सम्मान के साथ खिलवाड़ कर विभिन्न अपराधों को जन्म देते है। उन्होंने बताया कि इसे रोकने के लिए पुलिस की सहायता ले सकते हैं व साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि माता पिता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है कि बच्चे मोबाइल का क्या उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि ऐसी कोई भी घटना होने पर सर्वप्रथम उन्हें अपने घर वालों को बताना चाहिए।

वेबिनार का आयोजन विश्विद्यालय के विद्यार्थियों को साइबर अपराध को समझने, उससे बचाव करने एवं उससे संबंधित कानूनों की जानकारी देने के लिए किया गया। इसका उद्देश्य साइबर अपराध नियंत्रण और साइबर अपराध के नए तरीकों के विषय में विद्यार्थियों को सम्यक शिक्षा प्रदान करना भी रहा।

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया एवं विभागाध्यक्ष प्रो चांदना डे, डॉ रुचिता सुजॉय चौधरी, डॉ शचीन्द्र शेखर, डॉ काज़िम रिज़वी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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