स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव में 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' कार्यक्रम का आयोजन 22 से 28 तक
75 वर्षों की अवधि में देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव मनाने ओर भविष्य की रूपरेखा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को चिंहित किया जाएगा
लखनऊ (नागरिक सत्ता)। स्वतंत्रता के बाद 75 वर्षों की अवधि के दौरान देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव मनाने और भविष्य की रूपरेखा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को चिह्नित करने के उद्देश्य से एक देशव्यापी कार्यक्रम ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ को ‘गौरव सप्ताह’ के रूप में में मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत देश के 75 शहरों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करने वाली विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
‘विज्ञान प्रसार’ के सहयोग से यह कार्यक्रम भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। 22 फरवरी से शुरू होकर इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 28 फरवरी 2022 को होगा।
इसी क्रम में मंगलवार को सीएसआईआर सिम्फर, धनबाद द्वारा आयोजित स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' कार्यक्रम के ऑनलाइन शुभारम्भ सत्र में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीके मिश्रा ने बतौर विशिष्ठ अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि मानव जीवन में वैज्ञानिक सोच बहुत महत्व रखती है। प्राचीन भारतीय सभ्यता, समृद्ध विज्ञान के कारण ही पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ रही है। प्रो मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में आवश्यकता है कि पुनः नवाचार के माध्यम से भारतीय विज्ञान को पुनर्प्रतिष्ठित करें।
एकेटीयू के मीडिया प्रभारी आशीष मिश्र ने बताया कि 25 फ़रवरी को प्रातः 11.15 बजे से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो पीके मिश्रा की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' कार्यक्रम के क्रम में 'बी द चेंज' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालय के सम्बद्ध संस्थानों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे।
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