‘स्मृति प्रार्थना सभा’ में भारी संख्या में पहुँचकर बुद्धिजीवियों ने की प्रार्थना

  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यस्तता के कारण संदेश भेजकर दी श्रद्धांजलि 


लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् स्वर्गीय डॉ जगदीश गाँधी की ‘स्मृति प्रार्थना सभा’ में उमड़े भारी जनसैलाब ने आज शिक्षा जगत के महानायक को न सिर्फ बड़ी शिद्दत से याद किया अपितु उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा भी ग्रहण की। सीएमएस कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित इस प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पधारे कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नंद कुमार नंदी मंत्री, मेयर सुषमा खरकवाल, माता प्रसाद पाण्डेय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, डॉ आरए उस्मानी पूर्व मंत्री उ.प्र., संयुक्ता भाटिया पूर्व मेयर लखनऊ, न्यायमूर्ति विष्णु सहाय, न्यायमूर्ति शमीम अहमद, प्रदीप शुक्ला आईएएस, आराधना शुक्ला आईएएस, जितेन्द्र कुमार आईएएस, संजय प्रसाद आईएएस, मुकेश मेश्राम आईएएस, पद्मश्री विद्या विंदुश्री समेत बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद्, समाजसेवी, न्यायमूर्ति, अधिवक्ता, धर्मगुरू, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व भारी संख्या में गणमान्य नागरिक और सीएमएस के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं शामिल हुए और पवित्र आत्मा को श्रद्धान्जलि अर्पित करते हुए सामूहिक प्रार्थना की।


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश पढ़ा। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि समाजहित में बहुआयामी योगदान हेतु डॉ जगदीश गाँधी सदैव स्मरण किये जायेंगे। डॉ जगदीश गाँधी के मार्गदर्शन में सीएमएस न केवल उत्तर प्रदेश अपितु पूरे देश में शिक्षा जगत के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि डॉ गाँधी ने भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके न रहने से शिक्षा जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रार्थना सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ गाँधी ने हमें एक बीज से बड़ा वृक्ष बनना सिखाया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह पहली बार है जब हम पहली बार बिना डॉ गाँधी के यहाँ आये हैं। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करता हूँ। इसी प्रकार, कई अन्य वक्ताओं ने डॉ गाँधी से जुड़े अपने संस्मरण बताये।


इस अवसर पर विभिन्न धर्मावलम्बियों जिसमें हिन्दू धर्म से पंडित हरि प्रसाद मिश्रा, इस्लाम धर्म से  मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, सिख धर्म से राजेन्द्र सिंह बग्गा, ईसाई धर्म से बिशप जॉन मथॉइस, जैन धर्म से शैलेन्द्र जैन, बौध धर्म से भंते शील राजन, बहाई धर्म से रुबीना मोहाजर एवं ब्रह्माकुमारीज से राधा बहन शामिल हुई।

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