महिला आरक्षण बिल से मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा एवं विश्वास पैदा होगाः नरेन्द्र मोदी

  • दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत से महिला आरक्षण बिल पास
  • परिसीमन और जनगणना के बाद लागू होगा महिला आरक्षण बिल
  • AIMIMके दो सांसदों ने विरोध में डाले वोट 
  • बिल पास होने की खुशी में बीजेपी आफिस और पूरे देश में जश्न मना रही हैं महिलाएं

नागरिक सत्ता ब्यूरो, नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल ‘‘नारी शक्ति वंदन विधेयक‘‘ लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थिति भाजपा कार्यालय पहुंचे। भाजपा दफ्तर पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने महिला कार्यकर्ताओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया और धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा मैं आज देश की हर माता-बहन और बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसों 20 और 21 सितंबर को हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है। हम सबका सौभाग्य है कि ये अवसर हमें मिला है। आने वाली हर पीढ़ी तक इस दिवस की और इस निर्णय की चर्चा होगी।

नई संसद में चार दिन चलने वाला पहला सत्र इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अच्छरों में अंकित हो गया है। क्योंकि नई संसद के पहले सत्र में देश की आधी आबादी से जुड़ा महिला आरक्षण बिल ‘‘नारी शक्ति वंदन विधेयक‘‘ पेश किया गया और दोनों सदनों में सभी दलों की सहमति से पास कर दिया गया। यह अपने आप में मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। 19 सितम्बर को सत्र के दूसरे दिन सत्र की कार्यवाही नये संसद भवन में स्थानांतरित हुआ और उसी दिन महिला आरक्षण पेश किया गया इस बिल का सभी दलों के सांसदों ने समर्थन किया और लोेकसभा में बिल पास हो गया तत्पश्चात राज्यसभा में भेजा गया वहां भी सर्व सम्मति से बिल पास हो गया। यह विशेष सत्र महिला आरक्षण बिल और नई संसद के नाम रहा। महिला आरक्षण बिल नई संसद में पेश और पास होने वाला पहला बिल बना।

  • महिला आरक्षण बिल से मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा एवं विश्वास पैदा होगा वो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल था। और उस स्वर्णिम पल के हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं, सभी दल के सदस्य हैं, सभी दल के नेता भी हैं। सदन में हो या सदन के बाहर हो वे भी उतने ही हकदार हैं। इसलिए मैं आज आपके माध्यम से इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में और देश की मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा भरने में, ये कल का निर्णय और आज राज्‍य सभा के बाद जब हम अंतिम पड़ाव भी पूरा कर लेंगे, देश की मातृशक्ति का जो मिजाज बदलेगा, जो विश्वास पैदा होगा वो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली एक अकल्पनीय, अप्रतीम शक्ति के रूप में उभरेगा ये मैं अनुभव करता हूं। और इस पवित्र कार्य को करने के लिए आप सब ने जो योगदान दिया है, समर्थन दिया है, सार्थक चर्चा की है, सदन के नेता के रूप में मैं आज आप सबका पूरे दिल से, सच्चे दिल से आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं एवं धन्यवाद देता हूं।

संसद में तीन दशक से पेंडिंग था महिला आरक्षण बिल। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी की वजह से बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। जिसे आज मोदी सरकार ने पेश किया और पास भी करा लिया। 

महिला आरक्षण बिल को अब देश की सभी विधानसभाओं में भेजा जाएगा। 50 प्रतिशत विधानसभाओं से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से यह कानून बनेगा। कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। नारी शक्ति वंदन विधेयक पर बहस हुई। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने बिल का समर्थन किया और बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण देने और इसे जल्दी लागू करने की मांग की। 

महिला आरक्षण बिल के अनुसार लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के साथ ही 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह आरक्षण 15 वर्षों के लिए किया जाएगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण केवल लोकसभा और विधानसभा के लिए लागू होगा। राज्यसभा और विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में महिला आरक्षण बिल का लागू होना असम्भव सा लग रहा है क्योंकि बिल परिसीमन के बाद ही लागू होगा और परिसीमन जनगणना के आधार पर होगा लेकिन जनगणना 2024 में आम चुनाव के पहले असम्भव सा लग रहा है। 

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