शिक्षक दिवस पर सीएम योगी ने 94 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया

  • सीएम योगी ने 18,381 स्मार्ट क्लास एवं 880 आईसीटी लैब का उद्घाटन किया
  • मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को 2.09 लाख टैबलेट वितरण का शुभारंभ किया

नागरिक सत्ता ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोकभवन में शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित बेसिक शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के 94 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने 18,381 स्मार्ट क्लास एवं 880 आईसीटी लैब का उद्घाटन किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को 2.09 लाख टैबलेट वितरण का शुभारंभ किया। इस दौरान माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी एवं बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें कंप्यूटर की जानकारी देने के लिए प्रदेश भर के सभी स्कूलों को स्मार्ट क्लास के रूप में तैयार किया गया है इसके तरह बच्चों चीजों को बेहतर तरीके से सीखने और जानने का मौका मिलेगा।

शिक्षक दिवस के इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत माता के महान सपूत जिन्होंने शिक्षा के लिए अपने जीवन का सर्वस्व न्योछावर किया। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का एक शिक्षक होकर देश के सर्वाेच्च पद तक जाना एक आदर्श है। डॉक्टर सर्वपल्लीजी को नमन। उन्होंने कृतित्व और व्यक्तित्व से देश को नई दिशा दी। एक शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है ऐसा उनका कहना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ शिक्षकों की भूमिका मे बदलाव आया। जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी का नेतृत्व किया। राष्ट्र निर्माता की भूमिका का निर्वाहन किया। दूसरा पक्ष कृष्ण पक्ष भी है। जब ट्रेड यूनियन की तरह कोई शिक्षक विद्यालयीय कार्यों से विरत होकर दिन भर शिक्षा अधिकारियों के घर व कार्यालयों में बैठकर अपने वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है। 

उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालय मैंने देखे जिनके भवन पर पेड़ उग आये थे। ये पेड़ वहां की अकर्मण्यता को प्रदर्शित करता है। विद्यालय के पेड़ उखाड़ने के लिए मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को आना पड़ा। आपका शिक्षक के रूप में पहला कार्य होना चाहिए कि विद्यार्थी के स्कूल आने के 15 मिनट पहले पहुंचे। प्रधानाचार्यों को शिक्षकों से भी पहले आने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। आप वर्तमान पीढ़ी को बनाने के लिए नया क्या दे सकते है। इसके बारे मे सोचना होगा क्योंकि आपको आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।




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