बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाकर निपुण भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता: मुख्यमंत्री योगी

  • ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा शिक्षण वहां भी सम्भव जहां शिक्षकों की कमी है
  • बेहतर शिक्षा के लिये एक दक्ष शिक्षक की आवश्यकता
  • शिक्षकों को अत्याधुनिक शिक्षा प्रणाली के लिए प्रशिक्षण देना अनिवार्य


लखनऊ। बच्चे देश और समाज की नींव होते हैं, इसलिए इन्हें मजबूत बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक अवसर प्रदान करती है। शिक्षा को आधुनिक और तकनीकी युक्त बनाने के लिए राज्य सरकार पूरा प्रयास कर रही है। यदि आवश्यकता पड़ी तो सीएसआर के माध्यम से निजी क्षेत्र के साथ मिलकर भी इस मुहिम को आगे बढ़ायेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बाबा योगीराज गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह, गोरखपुर में बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश एवं सम्पर्क फाउण्डेशन की पहल ‘सम्पर्क स्मार्टशाला-स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 


उन्होंने कहा कि आज एक अभिनव कार्यक्रम का शुभारम्भ हो रहा है। प्रदेश सरकार ‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा रही है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी ने मार्च 2020 से गत वर्ष तक समाज के प्रत्येक तबके को प्रभावित किया। उस समय सभी व्यवस्थायें पूरी तरह से ठप हो चुकी थीं। पूरी दुनिया इस महामारी के दंश को झेल रही थी। इसमें सर्वाधिक प्रभावित स्कूली शिक्षा हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उस समय भी शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए अनेक पहल प्रारम्भ की गयीं। इसमें ‘डिजिटल इण्डिया’ कार्यक्रम के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाया गया, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हुआ। जिस डिजिटल इण्डिया की संकल्पना को लोग असम्भव बताते थे, आज उसी क्षेत्र में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पर्क फाउण्डेशन ने बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से जनपद गोरखपुर के नगर क्षेत्र तथा विकास खण्ड चरगांवा के प्राथमिक विद्यालयों में इस पायलेट प्रोजेक्ट का आज शुभारम्भ किया है। लाखों बच्चों तक आज तकनीक या विभिन्न प्रकार के अन्य रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से लर्निंग आउटकम्स के रिजल्ट हम सबको देखने को मिल रहे हैं। कहानियां, कथाओं, खेलों एवं अन्य रचनात्मक क्रियाओं के माध्यम से प्रदत्त शिक्षा बच्चों में सीखने की रुचि को बढ़ाती है। परम्परागत शिक्षा प्रणाली बच्चों में शिक्षा के प्रति अधिक रुचि पैदा नहीं करती थी। परन्तु आज जहां भी रचनात्मक क्रियाओं एवं तकनीक के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, वहां बच्चों में एक नई स्फूर्ति एवं प्रेरणा देखने को मिल रही है। हमें बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ानी होगी तभी निपुण भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही