‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ के अन्तर्गत 16 जनपदों में मेडिकल कॉलेज का हो रहा है निर्माणः योगी आदित्यनाथ

  • मुख्यमंत्री ने नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग प्रदर्शित करने वाली वेबसाइट को लाँच किया
  • मुख्यमंत्री ने ‘मेण्टर-मेण्टी’ कार्यक्रम के अन्तर्गत 8 नई मेण्टर संस्थाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किया 
  • मुख्यमंत्रीजी गुणवत्तायुक्त तथा सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरतः ब्रजेश पाठक 

नागरिक सत्ता ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष मिशन निरामयाः के तहत क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग एवं जनपद मऊ तथा शामली में पीपीपी मोड पर निजी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु अनुबन्ध हस्ताक्षर किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री ने मिशन निरामयाः के तहत क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा करायी गयी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग की पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल की गुणवत्ता के सुधार हेतु संचालित ‘मेण्टर-मेण्टी’ कार्यक्रम के अन्तर्गत 8 नई मेण्टर संस्थाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किये। मुख्यमंत्री ने नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग प्रदर्शित करने वाली वेबसाइट https://ratings.upsmfac.org/ को लाँच किया । 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किये हैं। आज इसी कड़ी में 2 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए एमओयू कार्यक्रम हुए है। यह दोनों संस्थान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में स्थापित हो रहे हैं। यह प्रदेश की नयी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे। आज उत्तर प्रदेश के 45 जनपदांे में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ की परिकल्पना को साकार करते हुए 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है, इनमें 14 सरकारी तथा 02 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। गत वर्ष जनपद महराजगंज तथा सम्भल में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था। आज पीपीपी मोड पर जनपद मऊ व शामली में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 6 वर्ष पूर्व जनपद शामली तथा मऊ की पहचान दूसरे रूप में थी। जनपद मऊ में लोग माफिया से भयभीत होते थे। जबकि जनपद शामली पलायन के लिए जाना जाता था। इन दोनों जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना एक स्वप्न था, जो आज हकीकत बन रहा है। यह एक उपलब्धि है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा जनपद मऊ में राजीव सामाजिक शिक्षा सेवा संस्थान एवं जनपद शामली में ज्ञान चेतना एजुकेशनल सोसायटी को मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए बधाई देते हुए कहा कि समयबद्ध रूप से इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी। यह मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा के साथ ही दोनों जनपदों के सभी नागरिकों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग व पैरामेडिकल के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया का चयन किया गया है। इसके लिए विगत वर्ष मिशन निरामयाः की शुरुआत की गयी थी। आज यह देश में अग्रणी भूमिका निभाते हुए ब्राण्ड बना है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में नर्सिंग व पैरामेडिकल बैकबोन का काम करता है। पहले प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल का क्षेत्र उपेक्षित था। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर तथा फैकल्टी की सुविधाएं नहीं थीं। प्रदेश की स्टेट मेडिकल फैकल्टी बीमार थी। इस दृष्टि से मिशन निरामयाः की शुरुआत अत्यन्त महत्वपूर्ण थी। आज इसके परिणाम हमारे सामने हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। मुख्यमंत्रीजी प्रदेशवासियों को गुणवत्तायुक्त तथा सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। उनका मानना है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान भी होने चाहिए। नर्सिंग व पैरामेडिकल के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मिशन निरामयाः की शुरुआत की गयी है।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, केजीएमयू के वॉइस चांसलर ले. जनरल डॉ0 विपिन पुरी, सूचना निदेशक शिशिर सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मेण्टर के रूप में चयनित संस्थानों के प्रतिनिधि, क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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