भाषा विश्वविद्यालय में पारम्परिक खेलों का सफल आयोजन किया गया

  • महिला सशक्तिकरण के साथ उन्हें मूल अधिकार मिलें इसके लिए प्रयास होना चाहिए: डॉ रूचिता सुजॉय
  • महिलाओं को शिक्षा और समानता जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया: डॉ बुशरा अल्वेरा

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विशविद्यालय एवं एआईएम (ऐम) संस्था के संयुक्त प्रयास से विश्वविद्यालय परिसर में पारम्परिक खेलों एवं महिला सशक्तिकरण पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। 

कुलपति प्रो एनबी सिंह के निर्देशन में आयोजित इस पारम्परिक खेलों में सिकड़ी, खो-खो और गोला फेंक प्रतियोगिता के साथ विभिन्न पारम्परिक खेलों का सफल आयोजन डॉ. रूचिता सुजॉय चौधरी की अध्यक्षता में एवं डॉ शचीन्द्र शेखर के सहयोग से किया गया। 

इन खेल प्रतियोगिताओं में पुरुष वर्ग में उमेर, प्रथम स्थान, मनीष, द्वितीय स्थान और राजकुमार तृतीय स्थान पर रहे। वहीं महिला वर्ग में आयुषी, प्रथम स्थान, पिंकी, द्वितीय स्थान एवं अंजू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। साथ ही पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन डॉ काज़िम रिज़वी एवं डॉ नसीब के सहयोग द्वारा किया गया।

पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का उदघाटन करते हुए डॉ रूचिता सुजॉय चौधरी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के साथ ज़रूरी है कि महिलाओं को उनके मूल अधिकार मिले। अपने सशक्त रूप में, महिला सशक्तिकरण में स्वतंत्रता, समानता के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पहलू शामिल हैं। इसके माध्यम से, वास्तविक प्रयास यह सुनिश्चित करने में निहित है कि हम लैंगिक समानता लाएं। 

इस अवसर पर मुख्या अतिथि डॉ (ले.) बुशरा अल्वेरा ने कहा कि विश्व स्तर पर अपनी संस्कृति और विरासत के लिए प्रसिद्ध, भारत विविध संस्कृतियों से भरा हुआ देश है। लेकिन भारतीय समाज हमेशा से एक पुरुष प्रधान देश रहा है, यही वजह है कि महिलाओं को शिक्षा और समानता जैसे बुनियादी मानवाधिकारों से लगातार वंचित रखा गया है। लैंगिक समानता की धारणा पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की मांग करती है, लेकिन महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। भारत जैसे देश के लिए, इसके विकास और विकास में महिला सशक्तिकरण की बड़ी भूमिका होगी।

वहीँ पारम्परिक खेल प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को खेल से होने वाले फायदों को बताते हुए डॉ शचीन्द्र शेखर ने राष्ट्र के निर्माण में खेल की उपयोगिता पर बल दिया। पारंपरिक खेलों के इस आयोजन के अवसर पर पत्रकारिता विभाग से डॉ. कासिम रिजवी, डॉ. नसीब के साथ साथ विश्वविद्यालय के तमाम छात्र एवं छात्राओं ने आयोजन में प्रतिभाग किया।

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