ई-विधान परियोजना लागू करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने उत्तर प्रदेश विधानसभा को भारत सरकार ने किया सम्मानित

  • पूरे देश में उत्तर प्रदेश की विधानसभा द्वारा राष्ट्रीय ई-विधान परियोजना में सर्वश्रेष्ठ प्रगति पर मिला पुरस्कार 
  • विधान परियोजना का उदे्श्य देश की सभी विधायिकाओं को पेपरलेस कर उन्हे एक प्लेटफार्म पर लाने का है 

लखनऊ। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश की सभी विधानसभाओं को पेपरलेस किए जाने के अभियान के तहत गत 24 एवं 25 मई को नई दिल्ली में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उपरांत उत्तर प्रदेश की प्रगति, ई-विधान परियोजना, नेवा प्रणाली के संचालन तथा उसके प्रदर्शन के स्तर को देखते हुए भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा को इस आशय का एक प्रमाण पत्र- प्रशस्ति पत्र दिया गया जिसे आज विधानसभा के अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेंट किया। भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की तरफ से नेवा प्रणाली को त्वरित रूप से लागू किए जाने की प्रशंसा करते हुए उत्तर प्रदेश के कार्य को सराहा है। 

ई- विधान परियोजना का उदे्श्य देश की सभी विधायिकाओं को पेपरलेस किए जाने के साथ ही उन्हे एक प्लेटफार्म पर लाने का है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश की विधानसभा ने राष्ट्रीय ई-विधान परियोजना में सर्वश्रेष्ठ प्रगति की है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में राष्ट्रीय ई विधान की पहले एंव दूसरे चरण की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। जबकि तीसरे चरण की कार्यवाही सम्पादित की जा रही है। पहले एंव दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में जो सूचनाएं शासन से अथवा विधायकों के माध्यम से सदन में आती हैं उन्हे आनलाइन किया जा रहा है। साथ ही सदन में जो भी कार्यवाही सदन के पटल पर रखी जाती हैे, उनको भी ई-बुक पर आनलाइन संचालित किया जा रहा है। इसके अगले चरण में उत्तर प्रदेश विधानसभा तथा विभिन्न सदस्यों को उनके संसदीय क्षेत्रों से जोड़ने की कार्यवाही, मीडिया के परस्पर समन्वय तथा शासन से, जो विधेयक आदि सदन में आते हैं,उनकी कार्यवाही को आनलाइन किया जाना प्रस्तावित है। तीसरे चरण की कार्यवाही भी उत्तर प्रदेश विधानसभा में 70 प्रतिशत पूर्ण की जा चुकी है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा ई विधान की परियोजना का सर्वश्रेष्ठ संचालन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश के सभी अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हुआ है।

नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में देश की सभी विधानसभाओं एवं विधानपरिषदों के प्रमुख सचिव एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया। इस कार्यशाला को भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रहलाद जोशी द्वारा सम्बोधित किया गया। साथ ही इसमें सभी विधानसभाओं द्वारा ई-विधान की परियोजना में हुई प्रगति की समीक्षा की गयी। उत्तर प्रदेश विधानसभा की तरफ से विधानसभा के प्रमुख सचिव एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की एक टीम ने भाग लिया। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश द्वारा इस सम्बन्ध में की गयी प्रगति से अवगत कराया गया।

उक्त कार्यशाला में भारत सरकार से अनुरोध किया गया कि उत्तर प्रदेश में ई-विधान के आगे के सभी चरणों की कार्यवाही हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराये जाए जिससे उत्तर प्रदेश की विधानसभा देश में ऐसी पहली शत प्रतिशत ई-विधान परियोजना को लागू करने वाली विधानसभा बन सके।

उत्तर प्रदेश की प्रगति एवं ई-विधान परियोजना तथा नेवा प्रणाली के संचालन तथा उसके प्रदर्शन के स्तर को देखते हुए भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा को इस आशय का एक प्रमाण पत्र/ प्रशस्ति पत्र दिया गया है। कि उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा जो प्रगति नेवा की प्रणाली को त्वरित रूप से संचालित किए जाने हेतु की गयी है वह प्रशंसनीय एवं उत्कृष्ट है।

भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा को इस प्रकार का प्रमाण पत्र दिया जाना इस प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। नेवा प्रणाली के सम्बन्ध में यह प्रगति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्ग दर्शन एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना के नेतृत्व में अर्जित की गयी है।

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