विधान मण्डल के विशेष सत्र के दूसरे दिन 16 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तिखा प्रहार किया


लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को ऐतिहासिक बनाते हुए अनवरत चलते सत्र में विपक्ष पर जमकर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम विकास की बातें करते हैं तो इन्हें गांधी चरित्र याद आता है, लेकिन जब उसपर चर्चा करने की बात आती है तो ये लोग सदन से गायब हो जाते हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मुर्गा बांग नहीं देगा तो क्या सुबह नहीं होगी। सदन पिछले 24 घण्टे से चल रहा है। हमारी निष्ठा 23 करोड़ जनता के प्रति है। शुरू के बीस मिनट तक विपक्ष को आड़े हाथों लेने के बाद भी मुख्यमंत्री यह कहने से नहीं चूके कि विपक्ष अपने वाकआउट से खुद बेनकाब हुआ है।
इस अनवरत चल रहे सत्र में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद सदन को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों द्वारा सदन में भाग न लेकर गांधी दर्शन में विश्वास न रखने वाला बताते हुए कहा कि इनके इस व्यवहार से हमें कोई आश्चर्य नहीं है। विपक्ष के नेता इस महत्वपूर्ण विषय पर राजनीति करने से बाज नहीं आए। इन्होंने ऐसा करके संकीर्णता का परिचय दिया है। इन्होंने सत्ता को लूट-खसोट का माध्यम बना रखा है। विपक्ष के लिए सत्ता अराजकता पैदा करने का माध्यम रहा है। इनका लोक कल्याण में कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे साथियों ने अनेक बिन्दुओं पर चर्चा की है। हम चाहते हैं कि समाज का हर व्यक्ति सम्पन्न और खुशहाल रहे। भुखमरी और कुपोषण से कहीं कोई मृत्यु न हो। यह चर्चा सिर्फ विधान मण्डल तक ही सीमित न रहे बल्कि इन सोलह बिन्दुओं पर जिला पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, ग्राम पंचायतों में भी चर्चा हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में कालाबाजारी नहीं होने दी जायेगी। प्रदेश के सरकारी गोदाम खाद्यान्नों से भरे पड़े हैं। यदि किसी भी तरह की कालाबाजारी होती है तो सरकारी गोदामों के मुंह खोल दिये जायेंगे। 



उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रदेश को देश में अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार राज्य की प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय के समकक्ष लाने के लिए प्रयत्नशील है, जिससे प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली आये और उनका जीवन स्तर बेहतर हो।
 मुख्यमंत्री कहा महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आन्दोलन को उस समय नेतृत्व प्रदान किया, जब देश में हर ओर निराशा थी और लोगों ने पराधीनता को नियति मान लिया था। उस समय गांधी जी ने एक धोती और हाथ में लाठी लेकर सादगी के साथ नेतृत्व किया और स्वच्छता, स्वदेशी, ग्राम स्वराज व स्वावलम्बन के माध्यम से आजादी की लड़ाई में नयी जान फूंकी। देश आजाद हुआ। इसने दुनिया के तमाम देशांे को प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गरीबी को पूर्णतः समाप्त करना है। इसके अलावा, भुखमरी की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर जीवन स्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के मिशन को पूर्ण करना, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना, उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास की दृष्टि से कार्य करना, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त करना, जलवायु परिवर्तन, भूमि पर जीवन एवं सतत उपभोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि संरक्षण और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने के लिए निरन्तर प्रयास तथा इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाना, शान्ति एवं न्याय की स्थापना तथा लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी अन्य लक्ष्य हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कार्यभार संभालने के पश्चात स्पष्ट कर दिया था कि देश के विकास का एजेण्डा किसी व्यक्ति, परिवार, जाति, मत, मजहब, भाषा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देश के सभी व्यक्तियों के लिए बिना भेदभाव के समान रूप से सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विकास सबका होगा, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार ने विगत समय में इसी के अनुरूप कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने जिस तरह और जिन मूल्यों और आदर्शाें पर कार्य किया, जिनके कारण वो महात्मा कहलाए। उन्हें ध्यान में रखकर सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा करके कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का स्वास्थ्य पर गहरा सकारात्मक असर हुआ है। विगत ढाई वर्षाें में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ 61 लाख परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया है। शहरी इलाकों में भी 8.5 लाख से अधिक शौचालय बनाये गये हैं। राज्य के अगल-बगल के प्रदेश विषाणुजनित बीमारियों से परेशान हैं, किन्तु प्रदेश में मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों का कोई असर नहीं है। यह स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की देन है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के कारण प्रदेश के इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 38 जिलों में इस बीमारी से पीड़ित होने वाले बच्चों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। वर्ष 2015 में 2900 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हुए थे, इनमें से 491 की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2016 में 3911 बच्चे बीमार हुए थे, इनमें से 641 की मृत्यु हुई थी। इस वर्ष 30 अगस्त, 2019 तक मात्र 938 बच्चे इंसेफेलाइटिस से पीड़ित हुए, इनमें से केवल 35  बच्चे ही काल के गाल में समाये। उन्होंने कहा इसी तरह जापानी इंसेफेलाइटिस से हानेवाली मौतों में भी कमी आयी है। 
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी के सिद्धान्तों पर चलते हुए हमारी सरकार ने जनता की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दिया और उन्हें छत उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, अन्त्योदय कार्ड योजना, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना, उज्ज्वला योजनाएं आदि लागू की गयी हैं। राज्य सरकार ने मेडिकल काॅरपोरेशन बनाकर पर्याप्त मात्रा में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करायी है। प्रधानमंत्री ने देश को टी0बी0 से मुक्त कराने का लक्ष्य 2025 का रखा है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए काम कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 2020 में शुरू हो जाएगा। इसी तरह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे भी दो महीने में शुरू हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज के बीच 640 किलोमीटर लम्बा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है।


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