राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिवस पर 36 घंटे अनवरत चलने के लिए विधान सभा का तीसरा सत्र शुरू


लखनऊ। 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सतत विकास के 16 लक्ष्यों पर चर्चा के लिए विधान मण्डल का 36 घण्टे का अनवरत सत्र बुलाया गया, जो आज सुबह 11 बजे से शुरू हुआ और कल गुरूवार को रात्रि 11 बजे तक चलेगा। इस विशेष सत्र के दौरान उच्च सदन विधान परिषद में आज राष्ट्रपिता के उच्च आदर्शों का पालने करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास के 16 लक्ष्यों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे  प्रभावी कदमों पर चर्चा की जा रही है। हालांकि इस सत्र में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने भाग नहीं लिया। जबकि सपा के एकमात्र सदस्य शतरूद्र प्रकाश ने अपना भाषण लिखकर भेजा जिसे अधिष्ठाता यज्ञदत्त शर्मा ने सदन में रखा और सदन की सहमति से कार्यवाही का हिस्सा बनाने के निर्देश दिये।
विधान परिषद की सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही सभापति रमेश यादव ने सबसे पहले कार्यपरामर्श दात्री समिति की संस्तुतियों को सदन में प्रस्तुत किया। इसके बाद महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 36 घण्टे के अनवरत आहूत सदन की बैठक में उद्बोधन के लिए नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।



सभापति के निर्देश पर नेता सदन डाॅ दिनेश शर्मा ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुये महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। साथ ही साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयन्ती पर याद करते हुये उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा महात्मा गांधी जी ने हमंे जो आजादी दिलवायी और विकास का जो लक्ष्य दिया था, जो उनकी विचारधारा थी, उसे हमें प्राप्त करना है। उनका मानना था कि हमारी मंजिल सही होनी चाहिये और सही रास्ते पर चलकर ही मंजिल प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ''देश को दे दी आजादी बिना खडग बिना-ढाल, साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल'' सत्य यह है कि साबरमती के सन्त ने अपनी नीति, अपने सिद्धान्त और अपनी संगठनात्मक क्षमता के आधार पर देश की सभी जातियों, और धर्मो को मिलाकर अग्रेजों के शासन के खिलाफ अपने असहयोग आंदोलन की एक नई नीति अपनायी, जिसके माध्यम से देश में स्वराज स्थापित करने का काम किया।
उपमुख्यमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री के बारे में बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपने कम समय के प्रधानमंत्रित्वकाल में नये लक्ष्यों को प्राप्त किया। उन्होंने ''जय जवान जय किसान'' का नारा दिया। अपने सादगी और शालीन जीवन से उन्हांेने तमाम ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किये। देश उनके प्रति नतमस्तक है और अपने को गौरवान्वित महसूस करता है। कहा जाता है कि शास्त्री जी का जीवन इतना सादगी से भरा था कि उन्होंने कार लेने के लिये लोन लिया था और उनकी मृत्यु के बाद उनकी धर्मपत्नी ने उसकी किश्त अदा की थी। इस प्रकार के प्रधानमंत्री का सादा जीवन हम सब के लिये प्रेरणादायक है। आज इन दोनों महापुरूषों की जयन्ती है, जिनके सतत् विकास के 16 बिन्दुओं पर चर्चा करने के लिये हम बैठे हैं। गांधी जी का विजन सौ साल बाद के भारत के निर्माण का था। उन्होंने विस्तार से बताया कि सरकार बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में नये लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। हमने मनमानी फीस पर नियंत्रण लगाया।
अपना दल के आशीष पटेल ने गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर दोनों को युगपुरूष बताते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने कहा गांधी जी के चार मुख्य विचार स्वच्छता, स्वदेशी, स्वराज और स्वावलंबन को बताते हुए कहा कि इन्हीं पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा स्वदेशी न केवल एक शब्द है, बल्कि गरीब एवं कमजोर जनता के लिये रोजगार का एक अवसर था। स्वराज एक पवित्र शब्द है जिसका अर्थ आत्म अनुशासन एवं आत्म संयम से जुडा हुआ। 
पर्यटन, धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि गांधी जी का सपना था गरीबों के उत्थान लिये कार्य कार्य करने का जो 2014 से पहले किसी सरकार ने नहीं सोचा, आज आठ  करोड़ गरीबों को सिलेंडर दे दिये गये। 2.5 करोड़ से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास बन गये। 10 करोड़ 60 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत से आच्छादित कर दिया गया। जो निःशुल्क पांच लाख रूपये की चिकित्सा करा सकता है। उन्होंने कहा हमारे गाॅव मे छोटे-छोटे परिवारों में, बहनांे व बेटियों को स्कूल जाने से रोक दिया जाता था। उनके पास स्किल है, जानकारी है, पढ़ना चाहती है, उच्च शिक्षा लेना चाहती हैं, लेकिन वह मात्र शौचालय न होने से नहीं जा पाती थीं। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर सोचा और सभी प्राथमिक विद्यायलों में शौचालय की व्यवस्था करायी। 
शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि मुझे बापू के चरण छूने का सौभाग्य प्राप्त है। मैं तब दसवीं कक्षा का छात्र था और विद्यालय से भागकर उनकी शवयात्रा में शामिल हुआ था। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूॅं। मैं तो केवल यह कह सकता हूॅ कि बापू को जब हम याद करते है, तो देश से गरीबी, भुखमरी मिटाना, यह मुख्य रूप से हमारे कार्य होने चाहिये और स्वराज्य जो हमने पाया, कुर्बानी से पाया है। बापू की कुर्बानी से जो स्वराज्य पाया है उसे अक्षुण्य रखना हमारी जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही राज बहादुर सिंह चंदेल, औद्योगिक विकास सतीश महाना, शिक्षक दल के जगवीर किशोर जैन, भाजपा के यज्ञदत्त शर्मा, कारागार राज्य मंत्री जयकुमार जैकी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। विशेष सत्र की कार्यवाही अभी जारी है, जो कल रात 11 बजे तक अनवरत जारी रहेगी।


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