महामारी में किसानों ने बदले खेती के परांपरागत तरीके

 

लखनऊ। चैधरी चरण सिंह की जयंती पर मलिहाबाद केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा आयोजित ’किसान दिवस’ के अवसर पर कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु एवं कोविड जागरूकता में विशेष योगदान देने वाले गैर सरकारी संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों एवं किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से कैसे उन्होंने खेती के तरीकों और उनके विपणन में बदलाव किया।

कोरोना काल में आम की डिब्बाबंदी कर उनको उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचाने में अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति ने किसानों के बीच सराहनीय कार्य किया जिसके लिए निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने उन्हें सम्मानित किया। महिला स्वयं सहायता समूह की महासचिव दया मौर्या को कोविड के दौरान ग्रामीण स्तर पर मास्क बनाने, पोषण भारत अभियान में जुटी राजेश्वरी देवी, राजाराम मेमोरियल संस्थान के चन्द्र प्रकाश अवस्थी को ‘दो गज दूरी-मास्क जरूरी‘ जैसे स्लोगन को लोकप्रिय बनाने हेतु, नरेश तिवारी को स्वच्छता मानकों के साथ अंडा उत्पादन के लिए, सहभागिता स्वयं सहायता समूह के मोहम्मद शफीफ को स्वच्छ मुर्गी पालन के लिए एवं राम किशोर मौर्य को कोरोना काल स्वच्छ एवं सुरक्षित सब्जी उत्पादन एवं विपणन के लिए सम्मानित किया गया। 

माधववेन्द्र सिंह भाल ने भी किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बदलते वक्त के साथ खेती में सोच बदलनी चाहिए। डा राजन ने किसानों से कहा कि वे नयी तकनीक से खुद को जोड़े। संस्थान ने ‘बागवान मित्र’ एप् बनाया है। किसान इसको अपाना कर बागवानी से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान घर बैठे कर सकते हैं जो इस महामारी में बड़ी सौगात है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने जैविक खेती, कीट एवं रोग प्रबन्धन सहित आम बागवानी के विभिन्न विषयों पर किसानों से चर्चा की।


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