विधानसभा में सर्वसम्मति से एससी-एसटी आरक्षण सम्बन्धी 126वां संशोधन विधेयक पास


लखनऊ। उत्तर प्रदेेश की विधानसभा में आज सर्वसम्मति से लोकसभा में पारित संविधान का 126वां संशोधन विधेयक-2019 के संकल्प को पारित कर दिया गया। इसके तहत  अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को दस वर्ष आगे बढ़ानें के केन्द्र के संशोधन प्रस्ताव की संस्तुति की गई है। विधायिका में अनुसूचित जाति व अनुसूचित  जनजाति आरक्षण की अवधि दस साल बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को पारित कराने के लिए ही विधानसभा का एक दिवसीय सत्र आहूत किया गया था। जिसके चलते आज प्रश्नकाल भी नहीं हुआ। साल के आखिरी दिन बुलाए गए सत्र का समापन भी शोर-शराबे और हंगामें के साथ ही हुआ। 



विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधायिका में अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण बढ़ाए जाने संबंधी संकल्प  पेश किया। संसदीय कार्यमंत्री द्वारा पेश किए गए संकल्प पर सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चैधरी ने समर्थन करते हुए, इसमें जोडे़ जाने संबंधी तीन सुझाव भी रखे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का कोई विरोध नहीं है। उक्त प्रस्ताव में जो एंग्लोइंडियन को निकालने की बात कही गयी उस पर पुर्निर्वचार किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने आरक्षण का कोटा बढ़ाये जाने का भी सुझाव दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्रह पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए । उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति व जनजाति को पर्याप्त आरक्षण मिलना चाहिए जो आज तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया सरकार को जातिगत आधार पर गणना करानी चाहिए।



बसपा विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा ने कहा कि संविधान के निर्माताओं ने जो आरक्षण की व्यवस्था की थी उसे बढ़ाए जाने संबंधी प्रस्ताव का कोई विरोध नहीं है। उनकी पार्टी और सभी सदस्य इस प्रस्ताव का समर्थन करते है। उन्होंने कहा कि जिस गति से सरकार निजीकरण की तरफ बढ़ रही है उसे देखते हुए इस सदन से यह भी प्रस्ताप पास होनाा चाहिए की निजी क्षेत्रों में मिलने वाली नौकरियों में  में आरक्षण की व्यवस्था को लागू की जाए। उन्होंने भी एंग्लोइंडियन की व्यवस्था समाप्त किए जाने संबंधी व्यवस्था पर पुर्नविचार किए जाने का सुझाव रखा।



कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि उनकी पार्टी समाज के पिछड़े शोषित दलित वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाए जाने संबंधी प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करती है। उन्होंने सदनों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के साथ ही एंग्लोइंडियन सदस्य मनोनीत किए जाने की व्यवस्था बनाए रखनेे का सुझाव दिया।



भारतीय समाज पार्टी सुहेलदेव के नेता विधानमंडल दल ओमप्रकाश राजभर ने अनुसूचित जाति व जनजाति को आरक्षण दिए जाने संबंधी प्रस्ताव को दस साल  बढ़ाए जाने का समर्थन करने के साथ ही ही सरकार पर पिछड़ों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछड़ों का वोट सभी को चाहिए लेकिन उनके अधिकारों के लिए बोलना कोई नहीं चाहता। उन्होंने का कहा कि एससी- एसटी को मिलने वाले आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाए। 



अपना दल विधानमंडल दल के नेता नीलरतन पटेल इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई की उनकी पार्टी विधानसभा में कांगे्रस और भासपा दोनों से बड़ी है इस लिए बोलने का मौका पहले उसे मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में उनके अधिकारों का अतिक्रमण हो रहा है। उन्होंने भी उक्त प्रस्ताव का समर्थन किया। 



सदन में मौजूद मनोनीत एंग्लोइंडियन सदस्य डा0डेजिल जान गोडिन ने कहा कि सदनों में एंग्लोइंडियन को मनोनीत किए जाने की व्यवस्था संंवधान निर्माताओं ने की थी।  उन्होंने कहा कि भारत में एंग्लोइंडियन भोजन में नमक जैसे ही बचे है। उत्तर प्रदेश में लगभग पचास हजार ही एंग्लोंइंडियन बचे है। ऐसे में उनकी आवाज उठाने के लिए मनोनयन की प्रथा है उसे यथावत रखा जाए। उन्होंने कहा कि उनके समुदाय के लोग सरकार की हर नीतियों का समर्थन भी करते है ।



संसद के दोनों सदनों में पारित उक्त प्रस्ताव पर सभी दलीय नेताओं के बोलने के बाद मुख्यमंत्री और नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान बनने से पहले समाज के पिछड़े शोषित वंचित जो लोग राष्ट्र और समाज की मुख्यधारा से वंचित थे उनकों उनके अधिकार दिलाने के लिए संविधान में आरक्षण की यह व्यवस्था की गई थी। सबसे पहले विधायिका में आरक्षण दिए जाने की यह व्यवस्था 1959 में शुरू हुई थी जिसे प्रत्येक दस वर्ष बाद बढ़ाया जाता है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पिछड़ों दलितों वंचितो को उनके अधिकार दिलाने के साथ ही संविधान निर्माता डा भीमराव आम्बेडकर को जो सम्मान दिया उतना सम्मान उनके नाम पर राजनीति करने वालों ने कभी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने डा आम्बेडकर के जन्म स्थान, उनके दीक्षा स्थल, जिस भवन में उन्होंने अंतिम सांस ली उस भवन सहित उनसे जुडे अन्य स्थानों को स्मारक के रूप में विकसित किया। 



इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों के लिए चलाई गयी केन्द्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने विपक्ष को  पिछड़ों दलितों का सबसे बड़ा विरोधी बताया। आज ही सदन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे राजनारायण की पुण्यतिथि पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा विधानसभा के पूर्व सदस्य शीशराम रवि, चन्द्रपाल सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। आज ही विधानसभा में विपक्ष सदस्य नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिसिया कार्रवाई उन्हें जेल भेजे जाने के विरोध में वेल में आ गए। इस मामलें में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सबसे ज्यादा मुखर रही। इस मुददे पर सपा के सदस्य वेल में भी आ गए। शोर-शराबे और हंगामें के बीच ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।


 


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