मीडिया कर्मियों के नुकसान के भरपाई की प्रदेश सरकार से मांग


लखनऊ। नागरिकता संषोधन अधिनियम के विरोध में लखनऊ में प्रर्दशन के दौरान अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे मीडिया के लोगों के साथ बड़े पैमाने पर मारपीट की गई तथा उनकी बाइकें तोड़ दीं गईं और चैनल की ओवीवैन भी जला दी गई। सुनियोजित साजिश के तहत मीडिया के लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों के वाहनों में तोड़फोड़, आगजनी और फोटोग्राफरों के कैमरों को क्षतिग्रस्त किये जाने एवं उन पर हुए हमले की घटना की कड़ी निंदा करते हुए शासन से मांग की है कि इसकी तत्काल भरपाई की जाये और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।



श्री तिवारी ने कहा कि इस समूचे घटनाक्रम की जल्द से जल्द जांच कर दोषियों को कड़ी सजा देकर सबक सिखाया जाए जिससे भविष्य में कोई लखनऊ व प्रदेश का अमन चैन न बिगाड़ सके। हिंसा में उपद्रवियों ने सोची समझी साजिस के तहत मीडिया कर्मियों को निशाना बनाया।  बड़े पैमाने पर पत्रकारों, छायाकारों पर हमले हुए हैं और उनकी गाड़ियां व कैमरे तोड़े गए। कुछ टीवी चैनलों की ओबी वैन को जलाया गया है। हम आपसे मांग करते हैं कि जिन पत्रकारों, छायाकारों व टीवी चैनलों का हिंसा में नुकसान हुआ है उनकी पहचान कर उचित मुआवजा दिया जाए। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रदेश सरकार को जल्द ही मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति हिंसा से प्रभावित मीडियाकर्मियों की सूची उपलब्ध कराएगी।


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