लोकतंत्र में विधानसभा की समितियों का बड़ा योगदान: सतीश महाना

  • लोक लेखा समिति विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण समिति: सतीश महाना 

  • विधानसभा में गठित समितियों के उद्घाटन बैठक को विधानसभा अध्यक्ष ने सम्बोधित किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की गठित समितियों लोक-लेखा, सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम, महिला एवं बाल विकास संयुक्त समिति तथा प्राक्कलन समिति की बैठकों के उद्घाटन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि लोकतंत्र में विधानसभा की समितियों का बड़ा योगदान होता है। इनके काम से सरकार की नीतियों का लाभ जनता को मिलना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि समितियों के सदस्य जिलों में जाकर सच्चाई को बताने का काम करें। नियमित बैठकों का आयोजन कर अपनी दक्षता दिखाने का काम करें। श्री महाना ने कहा कि समितियां वर्षो से लंबित पड़े मामले का निस्तारण जरूर करें। उन्होंने कहा कि इन सभी समितियों में एक से एक अनुभवी सदस्य हैं। पर हमें इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि समिति में शामिल सदस्यों की जितनी वरिष्ठता होती है उतनी ही बड़ी उनकी जिम्मेदारी होती है।

अपने राजनीतिक अनुभव को साझा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब पहली बार विधायक बना तो तब समितियों के सदस्य के नाते बैठक में नहीं आता था। तब हमें इन समितियों का महत्व नहीं पता था। लेकिन बाद में इसके महत्व का अनुभव हुआ। इसलिए समितियों के महत्व को जानने का काम करें। समिति के हर सदस्य बैठकों में तैयारी करके शामिल हों। जिससे अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। समिति के सदस्यों को इस बात की भी चिंता करनी होगी कि बात रखते समय अपना भी सम्मान बना रहे और दूसरे का भी अपमान न हो। श्री महाना ने समिति के सदस्यों को लगातार तीन बैठकों में उपस्थित न होने पर किसी अन्य सदस्य को उनके स्थान पर अवसर देने का संकेत भी दिया।  


लोक लेखा समिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण समिति होती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के अर्न्तगत सरकार का जो धन खर्च होता है। वह जनता का धन होता है। इस पर निगाह रखने की जिम्मेदारी लोक-लेखा समिति की होती है। समितियों के पास अधिकार भी हैं तो कुछ अंकुश भी हैं। इस बात की भी चिंता करनी होगी कि कम से कम खर्च मे जनता का अधिक से अधिक काम हो सके। संविधान के अनुसार जो अधिकार विधायिका को मिले हैं, उसके अनुसार ही कार्य करें।

श्री महाना ने कहा कि इस समय यूपी विधानसभा में हो रहे बदलाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है। 18वीं विधानसभा शिक्षा एवं योग्यता के आधार पर बेहद समृद्वशाली है। यूपी विधानसभा में नई परंपराएं शुरू हुई हैं लेकिन अभी इसमें कुछ और बदलाव की जरूरत है।

बैठक में उपस्थित सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष को जनहित के कार्यों को सुचारू रूप से करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने का आश्वासन दिया। उद्घाटन बैठक में लोक-लेखा, समिति के सभापति महबूब अली, सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम, समिति के सभापति मनीष असीजा, महिला एवं बाल विकास संयुक्त समिति की सभापति नीलिमा कटियार, प्राक्कलन समिति के सभापति लोकेन्द्र प्रताप सिंह एवं सभी समितियों के सदस्य तथा विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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