यूपी विधानमण्डल का उच्च सदन, नेता विरोधी दल विहीनः अब भाजपा है सबसे बड़ी पार्टी
यूपी के इतिहास में पहली बार कांग्रेस विहीन हो गया विधान परिषद
यूपी विधानमण्डल भवन |
अखिलेश पाण्डेय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद नेता विरोधी दल विहीन हो गया। यह पद समाजवादी पार्टी के पास था, दो सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने से उनकी संख्या अब 9 सदस्यों की हो गयी है। नेता विरोधी दल के पद के लिए विपक्ष के पास 10 प्रतिशत सदस्यों की संख्या होनी चाहिए। यूपी विधान परिषद में 100 सीटें हैं जिसमें भाजपा-72, सपा-9, अपना दल (एस)-1, शिक्षक दल (गैर राजनैतिक)-2, निर्दलीय-2, जनसत्ता दल-1, निषाद पार्टी-1, निर्दलीय समूह-1, बसपा-1 के सदस्य हैं।
विधान परिषद बैठक की फाइल फोटो |
नेता विरोधी दल बनने के लिए 10 सीटों की जरूरत होती है जो वर्तमान में की विपक्षी पार्टी के पास नहीं है। सपा के पास 9 सदस्य होने कारण सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता समाप्त कर दी। साथ ही कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह का कार्यकाल खत्म होने से विधान परिषद कांग्रेस विहिन हो गया है। यूपी विधानमंडल के उच्च सदन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यहां देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस का वजूद पूरी तरह खत्म हो गया है।
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