नई शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे भाषा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमः प्रो अनिल कुमार शुक्ला

 

लखनऊ (ना.स.)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला ने शिक्षकों के साथ एक बैठक का आयोजन कर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाना एवं भाषा संबंधित पाठ्यक्रमों को स्पेशलाइजेशन के रूप में तैयार करने पर विचार विमर्श किया।

श्री शुक्ल ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अभी नया है और इसलिए इसमें बदलाव की अपार संभावनाएं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का एक समृद्ध इतिहास एवं संस्कृति है। यदि विश्वविद्यालय के भाषा संबंधित विभाग इस ऐतिहासिक धरोहर को पाठ्यक्रम के माध्यम से दुनिया के सामने रखेंगे तो देश विदेश से विद्यार्थी यहां उसे पढ़ने आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय के पास युवा शिक्षकों की ऊर्जा है और यदि वह डिजिटल युग के अनुरूप, छोटे रोजगारपरक पाठ्यक्रम तैयार कर उसे डव्व्ब् के माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे तो विश्वविद्यालय को अधिक सफलता मिलेगी।

श्री शुक्ल ने कहा कि आज के विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने के कई स्रोत हैं और इस डिजिटल युग में अपनी पहचान बनाने की जिम्मेदारी स्वयं शिक्षक की है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक पाठ्यक्रम पूरा करने के स्थान पर उसे डिस्कवर करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे तो अधिक सफलता प्राप्त होगी। 21वीं सदी के शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह सीखने के अनुकूल वातावरण तैयार करें और शिक्षा को सामाजिक व्यावहारिकता एवं सामाजिक ज्ञान से जोड़ने का प्रयास करें।

उन्होंने बैठक के माध्यम से सभी अधिष्ठाताओं से अपने संकायों के पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया जिससे विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एग्जिट की सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने लेक्चर विद्यार्थियों तक अधिक से अधिक संख्या में पहुंचाने की अपेक्षा जताई। अंत में उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि विश्वविद्यालय की विशिष्टताओं को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करें।

बैठक में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी संजय कुमार सिंह, प्रो एसएसए अशर्फी, प्रो चंदना डे, प्रो मसूद आलम, प्रो सैयद हैदर अली, प्रो एहतेशाम अहमद, एवं विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए उपस्थित रहे। 


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