प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का जन्मकल्याणक मनाया गया

लखनऊ (ना.स.)। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का जन्मकल्याणक चैत्र कृष्ण नवमी के दिन देवों द्वारा निर्मित अयोध्यापुरी में हुआ था। जैंन धर्माबलम्बियों ने श्रद्धा एवं उत्साह के साथ जैन मन्दिरों में अभिषेक, शान्तिधारा एवं पूजन कोविड-19 नियमों के अनुसार किया। इस धार्मिक पर्व पर आशियाना जैन मन्दिर में सोमवार को शान्तिधारा का सौभाग्य बलवन्त जैन परिवार को मिला। डॉ अभय कुमार जैन, स्वतंत्र जैन, आशू जैन, मनीषा जैन, सुधा जैन, राखी जैंन, उर्मिला जैन अध्यक्ष ब्रजेश जैन बंटी सहित श्रद्धालुओं ने समय अन्तराल एवं शारीरिक दूरी के साथ दर्शन कर पुण्यार्जन किया।


पर्व की उपयोगिता पर प्रकाश डालते समय उ.प्र. जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो डॉ अभय कुमार जैन ने बताया कि ऋषभदेव ने राजपाठ करते हुए प्रजा को जीवनयापन के लिए असि, मसि, कृषि, शिल्प, वाणिज्य, कला आदि सिखाया फिर प्रथम दिगम्बर मुनि बनकर मोक्षकल्याण का मार्ग प्रस्तुत किया। ऋषभदेव से प्रारम्भ होती है दिगम्बर मुनि बनने की प्रथा, जिसका पालन आज भी दिगम्बर जैंन मुनि करते हैं और उपदेशों से मानव कल्याण करते हैं।


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