भाषा विश्वविद्यालय की सहा. आचार्य डॉ तनु डंग द्वारा पूरी की गयी शोध परियोजना

 

लखनऊ (ना.स.)। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्य, डॉ तनु डंग द्वारा ‘‘लखनऊ जिले की ग्रामीण परिधि में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की पहुंच, संपर्क और संचार का विश्लेषण‘‘  विषय पर आधारित लघु परियोजना को ससमय पूर्ण कर इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस एण्ड रिसर्च, नई दिल्ली (आईसीएसएसआर) को प्रेषित किया गया। 

यह इस विश्वविद्यालय की पहली शोध परियोजना है जो पूर्ण हुई है। इस परियोजना के माध्यम से भारत सरकार की कौशल विकास योजना के प्रति ग्रामीण युवाओं की पहुंच एवं जागरूकता का विशद और तथ्यात्मक विश्लेषण किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत प्रमुख रूप से ग्राम घैला, महपतमऊ, जुगगोर एवं कुरौनी गांव के 400 युवाओं एवं उनके परिवारों से प्रत्यक्ष साक्षात्कार किया गया। युवाओं ने सरकारी योजना के सन्दर्भो में स्पष्ट रूप से विवरण दिए। इसी संबंध में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अधिकारियों का भी साक्षात्कार किया गया।

इस परियोजना के अंतर्गत किए गए डाटा एकत्रीकरण एवं शोध में यह पाया गया कि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में इस योजना की जानकारी की उपलब्धता का अभाव है और इसके लिए उचित प्रचार प्रसार कर ग्रामीण युवाओं को योजना के लाभ पहुचाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इसके साथ साथ शोध के द्वारा यह भी पता लगाया गया कि इन ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी प्राप्त करने के मुख्य स्त्रोत क्या है एवं इस योजना के प्रति ग्रामीण युवाओं का रुझान बढ़ाने के क्या उपाय है। 

शोध के निष्कर्ष एवं सुझाव परियोजक को भेज दिए गए हैं। बताते चलें कि वर्तमान में भाषा विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आईसीएचआर एवं आईसीपीआर द्वारा अनुदानित दो अन्य  शोध परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।


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