प्रधानमंत्री ने काशी में ‘एमवी गंगा विलास’ रिवर क्रूज को वर्चुअल माध्यम से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

  • पूर्वी भारत में ट्रेड और टूरिज्म से जुड़ी सम्भावनाओं का विस्तार एवं रोजगार के नए अवसर बनेंगे 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व की सबसे लम्बी रिवर क्रूज यात्रा के लिए ‘एमवी गंगा विलास’ रिवर क्रूज को वर्चुअल माध्यम से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने वाराणसी में गंगा के रेती पर नवनिर्मित टेन्ट सिटी तथा जनपद गाजीपुर व बलिया में बनी 4 फ्लोटिंग जेट्टीज का भी उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केन्द्रीय पत्तन पोत परिवहन जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जनपद वाराणसी के रविदास घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। साथ ही असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाइक एवं केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्वों, दान-दक्षिणा, तप-तपस्या, संकल्पों की सिद्धि के लिए आस्था एवं मान्यता का अपना महत्व है। इसमें नदियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में हम सभी नदी जलमार्गों के विकास से जुड़े इतने बड़े उत्सव के साक्षी बन रहे हैं। आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लम्बी नदी जलयात्रा के लिए एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज का शुभारम्भ हुआ है। इस जलयात्रा से पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल, वर्ल्ड टूरिज्म मैप में प्रमुखता से आने वाले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में गंगा पार नवनिर्मित टेन्ट सिटी से, वहां आने और रहने का एक बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों व श्रद्धालुओं को मिला है। आज ही पश्चिम बंगाल में मल्टीमोडल टर्मिनल, उत्तर प्रदेश और बिहार में फ्लोटिंग जेट्टी, असम में मैरीटाइम स्किल सेंटर, शिप रिपेयर सेंटर, टर्मिनल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, ऐसे 1 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। यह पूर्वी भारत में ट्रेड और टूरिज्म से जुड़ी सम्भावनाओं का विस्तार करने वाले एवं रोजगार के नए अवसर बनाने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास से ऐतिहासिक यात्रा करने वाले सभी यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। विगत 8 वर्षों में बदलते हुए भारत को दुनिया ने देखा है। काशी ने एक नई यात्रा प्रारम्भ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी एवं भारत की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात काशी अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए एक नई काया व कलेवर के साथ वैश्विक मानचित्र पर उभरी है। काशी के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड आदि राज्यों के लिए आज एक नये युग में प्रवेश करने का दिन है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 3 वर्षों में राष्ट्रीय जलमार्ग-01 के प्रारम्भ होने से उत्तर प्रदेश लैण्डलॉक्ड की अवधारणा से मुक्त हुआ है। पूर्वी बन्दरगाह से काशी को जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। आज दुनिया के सबसे लम्बी दूरी के रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास का शुभारम्भ हो रहा है। इस राष्ट्रीय जलमार्ग के माध्यम से प्रदेश के किसान, व्यापारी चिन्तामुक्त होकर अपने कृषि उत्पाद, एमएसएमई उत्पाद अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भेजने में सक्षम हो पाएंगे।

इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जयसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।



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