उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के नए आयाम पर विमर्श करना जरुरीः राज्यपाल

 



लखनऊ: 12 मई, 2020
कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए लॉक डाउन जैसे कठोर कदम उठाने पड़े हैं। ऐसे में शिक्षण एवं प्रशिक्षण जारी रखने के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन लर्निंग को उपकरण के तौर पर बखूबी प्रयोग किया गया है। ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के बावजूद भी शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हई है। इस विषम परिस्थितयों में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विश्व स्तर पर मंथन की आवश्यकता महसूस हो रही है। 


 



कोविड-19 उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के नए आयाम विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबनार का आयोजन एकेटीयू में किया गया। इस वेबनार में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि वर्तमान में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के नए आयाम पर विमर्श करना जरुरी हो गया है। कोरोना वायरस ने एक वैश्विक संकट उत्पन्न किया है। इस संकट से प्रत्येक कार्य क्षेत्र के संचालन में बाधा उत्पन्न हुयी है और लॉक डाउन जैसे कठिन कदम उठाने पढ़े। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से इस कठिन समय में भी पठन-पठान के कार्य को सुचारू रूप से सम्पादित किया गया। शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक वैश्विक माडल तैयार करने की आवश्यकता है जिससे विद्यार्थियों को सहज और सुरक्षित शिक्षा प्रणाली मुहैया करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा के चार स्तम्भ हैं जिनमे ज्ञानयोग, कर्मयोग, सहयोग और आत्मयोग शामिल हैं, वर्तमान में इन स्तम्भों को चरितार्थ करने का सही समय है। उन्होंने कहा कि इस वेबनार के माध्यम से इस चुनौती को अवसर में बदलकर शिक्षा के उन्नयन के लिए उपयोगी मत प्राप्त होंगे। उहोंने कहा कि धीरे-धीरे विवि एवं संस्थानों के परिसर में अध्यापन, परीक्षा एवं मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा, किन्तु सामाजिक एवं भौतिक दूरी एवं अन्य बचाव उपायों को ध्यान में रखते हुए। 


 


राज्यपाल ने कहा कि ऐसे में लम्बे समय तक अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया प्रभावित होती रहेगी। हमें इस सम्बन्ध में एक व्यापक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है, जो शिक्षण कार्य को निर्बाध गति प्रदान कर सके। उन्होंने कहा कि एकेटीयू के द्वारा लॉकडाउन होने के बावजूद भी ईआरपी के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा अनवरत रूप से प्रदान की जा रही है साथ ही शोध एवं नवाचार भी लगातार जारी हैं। कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए विवि के विद्यार्थियों द्वारा अभिनव प्रयास कर नवोन्मेष को गति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक द्वारा कोविड-19 की महामारी के समय एजुकेशन सिस्टम को ऑनलाइन करने में महती भूमिका निभाई है, जिससे एलएमएस के माध्यम से ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग को गति मिल सकी है। उन्होंने कहा यह वेबनार बहुत ही प्रासंगिक है, इस वेबनार के माध्यम से आने वाले सुझाव प्रदेश की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को नयी दिशा प्रदान करेंगे।  



डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वेबिनार आयोजन का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के इस दौर में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए वैश्विक स्तर पर नए आयामों पर चर्चा करना है। 



वेबनार में प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस चैहान शामिल हुई। साथ ही देश एवं विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के कुलपति, निदेशक एवं आचार्य प्रतिभाग किया। इनमें प्रो सतीश के त्रिपाठी प्रेसिडेंट यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो यूएसए, प्रो अजय कपूर, प्रो-वाइस चांसलर स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी आस्ट्रेलिया, प्रो एसजी धांडे पूर्व निदेशक आईआईटी कानपुर, प्रो थामस स्टोन प्राचार्य टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी डबलिन आयरलैंड, प्रो स्टेफेन ओडेनवाल्ड एवं प्रो-वाइस डीन चेम्नित्ज यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी  जर्मनी, प्रो एमपी पुनिया वाइस चेयरमैन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, प्रो रिचर्ड फोल्लेट डिप्टी प्रो वाइस चांसलर इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स यूके बतौर वक्ता शामिल हुए।


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