कोटा में फंसे यूपी के छात्रों को उत्तर प्रदेश पहुंचाने का लाखों रुपए का बिल भेजा राजस्थान रोडवेज ने 


लखनऊः 22 मई, 2020
पूरे हिन्दुस्तान में लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में भेजने की कोशिश जारी हैं। लेकिन राजनैतिक पार्टियों ने श्रेय लेने के लिए इस पर सियासत भी शुरू कर दी है। मजदूरों को पैदल और सायकिल से जाते देख कर लॉकडाउन के चैथे चरण में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को यूपी बार्डर पर भेजने की बात कही और यूपी में बसों के प्रवेश की अनुमति भी मांगी। इस पर यूपी सरकार ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए बसों की सूची मांगी। यूपी सरकार ने प्रियंका के इस दावे को गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो बसों के नाम पर जो नंबर उपलब्ध करवाएं हैं उनमें कई नम्बर आटो रिक्शा, एम्बुलेंस और स्कूटर के निकले। इस लिए कांग्रेस की बसों लेने से इन्कार कर दिया। अब राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36.36 लाख रुपए का बिल भेजा है। ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है, जिन्हें राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों द्वारा कोटा (राजस्थान) से उत्तर प्रदेश छोड़ा गया था। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए 70 बसें उपलब्ध कराई थी। 



राजस्थान सरकार के इस बिल को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि यह बिल तो पहले ही चुकता कर दिया गया है। राजस्थान सरकार की बसें जब छात्रों को लेने कोटा पहुंची थी, तभी डीजल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 19 लाख रुपए ले लिया था, बावजूद इसके फिर से भारी भरकम बिल भेज दिया। उन्होंने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि कोटा से बच्चों को वापस लाने के लिए राजस्थान सरकार ने बसों के लिए डीजल उपलब्ध करवाया था जिसके एवज में उन्हें 5 मई को ही 19 लाख रुपये का भुगतान करवा दिया गया था। बीते 8 मई को यूपी सरकार से 36 लाख रुपए की मांग राजस्थान सरकार ने की। जिसका भुगतान यूपी सरकार ने कर दिया है। श्री शर्मा ने कहा कि जब कोटा से बच्चों को घर पंहुचाने के लिए राजस्थान सरकार ने पैसे वसूल लिये तो अब हमें मुफ्त में राजस्थान सरकार अपनी बसें क्यों भेजने लगी।उन्होंने कहा कि अप्रैल में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की 560 बसों से कोटा में पढ़ रहे बच्चों को प्रदेश वापस लाया गया। इस दौरान यूपीएसआरटीसी की तरफ से राजस्थान सरकार से डीजल उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया था। मांग पूरी होने पर भुगतान भी करवा दिया गया।  



कोटा राजस्थान में उत्तर प्रदेश के करीब 12 हजार से अधिक छात्र लाकडाउन में फंस गए थे। जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाया। उत्तर प्रदेश सरकार ने 560 बसें भेजी थीं। सरकार को उम्मीद थी कि इतनी बसों से बच्चों की वापसी हो जाएगी। पर बच्चों की संख्या अधिक थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से अनुरोध किया कि अपनी कुछ बसों से बचे हुए बच्चों को प्रदेश की सीमा स्थित फतेहपुर सीकरी और झांसी तक पहुंचा दें। वहां से हम इनको घर भेजने की व्यवस्था कर लेंगे। जिस पर राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था। इसी बसों का किराया अब राजस्थान सरकार मांग रही है।


 


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