मर्यादित सदन के साथ चर्चा से बढेगी लोकतंत्र में आमजन की आस्था: योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सदन के नेता मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का मंच उपलब्ध कराता है। बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारम्भ होगी। स्वाभाविक रूप से राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष को अपनी बात खुलकर बोलने का एक अवसर प्राप्त होगा। विधान मण्डल में विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा होती है। सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए आदि गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ायेंगे तो सदस्यों की गरिमा बढ़ेगी और लोकतंत्र के प्रति आमजन की भी आस्था बढ़ेगी। इस सत्र में देश के सबसे बड़े राज्य का बजट प्रस्तुत होगा। उस समय का यदि हम उपयोग कर सके तो बजट पर ही चर्चा में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात को ज्यादा समय तक रखने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। सदन में जो हम जो बोलते है, वह बोलने के बाद समाप्त नहीं होता है। उस शब्द को अमरता प्रदान करने का माध्यम विधान सभा है। सदन की कार्यवाही के रूप में एक धरोहर बनता है। जब तक भारत के लोकतंत्र का इतिहास अक्षुण रहेगा, तब तक सदस्यों द्वारा बोली गयी चीजें सुरक्षित रहेंगी। इसलिए सदस्यों द्वारा दिये जाने वाले सुझाव प्रभावी एवं महत्वपूर्ण होने चाहिए जो प्रदेश के लिए कल्याणकारी हो।


 विधान सभा अध्यक्ष ने सत्र संचालन के लिए सभी दलों से मांगा सहयोग


उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने बृहस्पतिवार से प्रारम्भ हो रहे बजट सत्र को संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होने ने कहा कि हम देश के सबसे बड़े राज्य हैं। लोकतंत्र और जनतंत्र की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सदन की कार्यवाही जब सुन्दर ढंग से चलती है, तो आम जनता को बड़ा लाभ होता है। वैसे विधान सभा की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष अलग-अलग नहीं होते हैं। एक ही अंग हैं। उन्होंने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि अपना-अपना पक्ष सदन में शालिनता व मर्यादा के साथ रखे। प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस हो। उन्होंने कहा कि सदन में प्रश्नोत्तर के समय अधिक से अधिक प्रश्न विचार के लिए आ सकें।


बसपा के नेता लाल जी वर्मा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जितने दिनों तक सदन चलाये जाने की घोषणा हुई उतने दिन सदन अवश्य चलना चाहिए। विपक्ष को भी सभी मुद्दों को शांतिपूर्वक रखने का अवसर प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने अपने दल की तरफ से सदन को गरिमामय ढंग संचालित करने में अपना प्रत्येक सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया। सपा की तरफ से आए उज्जवल रमण सिंह ने विधेयकों को प्रथम प्रहर में लिए जाने के लिए अपना सुझाव रखते हुए प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का मंतव्य दोहराया। कांग्रेस की तरफ से नरेश सैनी एवं अपना दल एस के नेता, नील रतन पटेल ने भी सदन चलाने में सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया। 


कार्यमंत्रणा की बैठक के बाद अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि बैठक में 13 फरवरी से 7 मार्च तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। 13 फरवरी, को 11 बजे राज्यपाल का विधान मण्डल के एक साथ समवेत दोनों सदनों के समक्ष अभिभाषण होगा। 14, 17, 18 एवं 19 फरवरी को राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा होगी। 18 फरवरी को 11 बजे आय-व्यय का प्रस्तुत किया जायेगा। इस दिन नियम-56 के मामले नहीं लिये जायेंगे। 20 फरवरी से सामान्य बजट पर चर्चा प्रारम्भ होगी। 24, 25, 26, 27 को आय-व्यय पर चर्चा होगी। 28 फरवरी से 7 मार्च तक विभिन्न विभागों के अनुदान मांगों पर विचार एवं पारण होगा। 14 फरवरी को सदन में निधन के निर्देश लिये जायेंगे। शेष कार्यक्रमों के लिए कार्यमंत्रणा पुनः बैठेगी। बैठक में नेता विरोधी दल के स्थान पर उज्जवल रमण सिंह, बहुजन समाज पार्टी के लाल जी वर्मा और कांग्रेस पार्टी के नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ के स्थान पर नरेश सैनी एवं अपना दल एस के नेता, नील रतन पटेल,उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे एवं प्रमुख सचिव, संसदीय कार्य जे.पी.सिंह भी उपस्थित रहे।  


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