आलमबाग बस टर्मिनल पर संत गाडगे का 144वां जन्मदिवस मनाया गया


लखनऊ। 23 फरवरी सन 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगांव में जन्मे संत गाडगे का 144वां जन्मदिवस आलमबाग बस टर्मिनल पर मनाया गया। यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष रूपेश कुमार ने सन्त व स्वच्छ भारत के जनक सन्त गाडगे की तस्वीर पर माल्यर्पण कर श्रद्धांजलित अर्पित किया।


रूपेश कुमार ने कहा कि बाबाजी ने दहेज प्रथा, बालविवाह, अशिक्षा, छुआछूत, जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए बहुत संघर्ष किया। संत गाडगे ने कहा था कि भूखे रहिए पर अपने बच्चों को शिक्षित बनाइये, जिससे आने वाली पीढ़ियों का विकास हो और बेहतर राष्ट्र का निर्माण हो सके। मंदिर बनवाने से बेहतर है कि स्कूल, अस्पताल व धर्मशालाएं बनवाये जाएं जिससे समाज व देश आगे बढ़ेगा। संत गाडगे की इस भूमिका को देखकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर इन्हें अपना गुरु मानने लगे। इनके कार्यो की सराहना महात्मा गांधी ने भी की। दक्षिण भारत में इन्हें प्रभु के रूप में जाना जाता है। 6 दिसम्बर 1956 को डॉ भीमराव अंबेडकर की मृत्यु का समाचार पाकर बाबाजी रो पड़े और खाना पीना छोड़ दिया, जिससे 20 दिसम्बर 1956 को सन्त गाडगे बाबा का स्वर्गवास हो गया। जन्मदिवस के इस अवसर पर शीतल प्रसाद, सुनील कुमार, रामसनेही, विजय कश्यप, जितेंद्र यादव, अनिल शर्मा, प्रेमलता आदि ने भी श्रद्धांजलित अर्पित किया।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही